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शिक्षक भर्ती हुई सुस्ती का शिकार - जानिए कौन है दोषी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों और अफसरों की सुस्त कार्यशैली का असर भर्ती पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। शिक्षकों के 500 से अधिक पद के लिए पिछले महीने ही विज्ञापन होना था। विज्ञापन बनकर तैयार हो गया, लेकिन तय तिथि के एक महीने बाद भी नोटिफिकेशन नहीं हो सका।

विवि में फरवरी 2012 में शिक्षकों के 500 से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें से मात्र 76 पदों पर भर्ती हो पाई। जबकि, इस दौरान कई शिक्षक रिटायर भी हो गए। कार्यपरिषद की 10 अक्तूबर को हुई बैठक में पुराने विज्ञापन के खाली रह गए तथा पिछले तीन साल में रिक्त हुए पदों के लिए नए सिरे से विज्ञापन निकालने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सभी को नए सिरे से आवेदन करना होगा। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के 500 से अधिक पदों के लिए 25 अक्तूबर से पहले विज्ञापन निकालने की घोषणा की गई थी। सूचना मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भेज दी गई है। खास यह कि समय रहते नोटिफिकेशन भी तैयार कर लिया गया था, लेकिन तारीख को लेकर गड़बड़ी हो गई। इससे फिर से नोटिफिकेशन तैयार किया गया। साथ में नवंबर के पहले सप्ताह में नोटिफिकेशन की घोषणा की गई, लेकिन अभी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। कुलपति प्रोफेसर ए. सत्यनारायण का कहना है कि नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू है। जल्द ही नोटिफिकेशन होगा।
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