उ.प्र. के शिक्षा मित्रों का मुद्दा आज बड़े मुद्दे के रूप में उभरा

नईदिल्ली , दिल्ली में चल रहे हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में उ.प्र. के शिक्षा मित्रों का मुद्दा आज बड़े मुद्दे के रूप में उभरा है। भारत में शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर चल रही चर्चा के दौरान एक वक्ता ने कहा कि सरकारें अपने हित के लिए शिक्षा को भी सियासत का हथियार बना लिया है शायद उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों के साथ नैसर्गिक न्याय नहीं होने का एक कारण सियासत ही है?


आज कार्यक्रम के अन्तिम दिन शिक्षा जगत की दिग्गज हस्तियों ने अपने विचार प्रकट किए, यहां मौजूद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों के साथ है और इस मामले में जो भी न्याय विभाग की आपत्तियाँ थी उनका निराकरण कर दिया गया है और संविदा शिक्षकों के लिए एक समान नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। समय आने पर शिक्षा मित्रों के साथ नैसर्गिक न्याय किया जाएगा। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे विभिन्न देशों के प्रतिनिधियो ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारें शिक्षा को लेकर सजग नहीं है,यह मुद्दा यह सिद्ध करता है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण कितने परिवार प्रभावित होते हैं। समिट में उ.प्र के मुख्यमंत्री ने कल व्याख्यान दिया था, लेकिन यह मुद्दा आज समिट में छाया रहा।

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