जागरण संवाददाता, आगरा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति में बडे़ स्तर पर
फर्जीवाड़ा चल रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। एक छात्रा ने
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया तो पता चला कि उसके नाम से पहले ही
छात्रवृत्ति का भुगतान हो चुका है। अब छात्रा शिक्षा और समाज कल्याण विभाग
के चक्कर काट रही है।
डीसी वैदिक इंटर कॉलेज से 2009 में हाईस्कूल करने वाली बीनू कुमारी ने 2015 में बीएड में एडमिशन लिया। उन्होंने शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया। उनके साथ जिसने भी आवेदन किया उसके खाते में छात्रवृत्ति की रकम आ गई, लेकिन बीनू की छात्रवृत्ति नहीं आई। इस पर उन्होंने पता किया तो उन्हें मालूम हुआ कि उनकी जगह किसी और को छात्रवृत्ति दे दी गई है। जब उन्होंने इस संबंध में समाज कल्याण विभाग से जानकारी मांगी तो उन्होंने अनभिज्ञता जता दी और छात्रा को डीआइओएस कार्यालय भेज दिया। डीआइओएस कार्यालय में इस मामले से कोई संबंध न होने की बात कही गई। अब छात्रा परेशान हैं कि उसकी फीस कैसे जमा होगी।
रोल नंबर से पता चला
बीनू ने बताया कि हाईस्कूल में उनका रोल नंबर 0006006 था। जानकारी करने पर पता चला कि इलाहाबाद के विशाल शाक्य ने इसी रोल नंबर पर एमसीए के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली है। अब ये कैसे हुआ, उसे कोई बता नहीं रहा है।
जांच हो तो सामने आए बड़ा फर्जीवाड़ा
यह केवल एक मामला नहीं है, ऐसे तमाम मामले हैं जिसमें फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति हड़प ली गई है, लेकिन इन मामलों में न तो समाज कल्याण विभाग और न ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी कार्यालय से कोई कार्रवाई होती। अगर इसकी सही जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
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रोल नंबर से पता चला
बीनू ने बताया कि हाईस्कूल में उनका रोल नंबर 0006006 था। जानकारी करने पर पता चला कि इलाहाबाद के विशाल शाक्य ने इसी रोल नंबर पर एमसीए के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली है। अब ये कैसे हुआ, उसे कोई बता नहीं रहा है।
जांच हो तो सामने आए बड़ा फर्जीवाड़ा
यह केवल एक मामला नहीं है, ऐसे तमाम मामले हैं जिसमें फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति हड़प ली गई है, लेकिन इन मामलों में न तो समाज कल्याण विभाग और न ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी कार्यालय से कोई कार्रवाई होती। अगर इसकी सही जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
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