संवाद सहयोगी, हाथरस : सहायक अध्यापक बनने
के लिए दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण लेने के अलावा शिक्षक पात्रता
परीक्षा पास करनी होती है। बीटीसी प्रशिक्षण के लिए इन दिनों प्रवेश
प्रक्रिया चल रही है। लेकिन कई बीटीसी कालेज ऐसे हैं जहां मनमानी फीस वसूली
जा रही है।
इससे गरीब परिवार के अभ्यर्थी परेशान हैं।
प्राथमिक विद्यालयों में बीएड पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होने पर बीटीसी का क्रेज अधिक हो गया। जहां पहले जिले में मात्र दो-तीन कालेज ही बीटीसी के हुआ करते थे,जो अब बढ़कर दस से अधिक हो गए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां पहले की अपेक्षा अधिक निकल रहीं है। अब बीटीसी करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सहित करीब बारह सौ पचास सीटें हैं।
बताते हैं कि प्राइवेट कालेजों में करीब 41 हजार रुपये बतौर फीस ली जानी चाहिए, लेकिन कई कालेजों में स्कूल बैग सहित बिल्डिंग फीस आदि के नाम पर अतिरिक्त पैसे मांगे जा रहे हैं, जिससे गरीब परिवार के ऐसे छात्र जिनका प्रवेश प्राइवेट कालेजों में हो गया है, वो परेशान हो उठे हैं।
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इससे गरीब परिवार के अभ्यर्थी परेशान हैं।
प्राथमिक विद्यालयों में बीएड पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होने पर बीटीसी का क्रेज अधिक हो गया। जहां पहले जिले में मात्र दो-तीन कालेज ही बीटीसी के हुआ करते थे,जो अब बढ़कर दस से अधिक हो गए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां पहले की अपेक्षा अधिक निकल रहीं है। अब बीटीसी करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सहित करीब बारह सौ पचास सीटें हैं।
बताते हैं कि प्राइवेट कालेजों में करीब 41 हजार रुपये बतौर फीस ली जानी चाहिए, लेकिन कई कालेजों में स्कूल बैग सहित बिल्डिंग फीस आदि के नाम पर अतिरिक्त पैसे मांगे जा रहे हैं, जिससे गरीब परिवार के ऐसे छात्र जिनका प्रवेश प्राइवेट कालेजों में हो गया है, वो परेशान हो उठे हैं।