रामपुरा, संवाद सूत्र : ब्लाक क्षेत्र की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था
वर्षों से लड़खड़ायी हुयी दिखाई दे रही है। विद्यालयों का समय से न खुलना,
विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का अपने अधिकारियों से तालमेल बैठाकर
विद्यालय न आना यहां की मुख्य समस्या है।
क्षेत्र में कई विद्यालय ऐसे भी हैं जहां शिक्षकों द्वारा दो से चार हजार रुपए प्रति माह देकर स्थानीय लोगों को लगा दिया गया है। जो विद्यालय खोलकर बैठ जाते हैं।
क्षेत्र में कई पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षक शिक्षिकाएं आते ही नहीं हैं या महीने में एक दो दिन के लिए ही आते हैं। शिक्षकों पर अधिकारियों का इतना दबाव है कि शिक्षक खुलकर कुछ भी बताने में भय खाते हैं। वहीं कुछ शिक्षकों ने अपना नाम उजागर न होने देने की शर्त पर बताया कि खंड शिक्षाधिकारी के दो एनपीआरसी अति नजदीक हैं जो अधिकारी से शिक्षक की से¨टग करा देते हैं और यही एनपीआरसी प्रति माह पैसा एकत्रित कर अपने अधिकारी को देते हैं। प्राथमिक विद्यालय चंदावली, हुकुमपुरा, मुहब्बतपुरा, जायघा, रामपुरा कोठी, कंझारी, गोरा चिरइया, जसुआपुर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय महटौली, ऊमरी, बहादुरपुर, रमानपुर, बिलौड़, कन्या प्राथमिक विद्यालय टीहर आदि ऐसे विद्यालय हैं या तो शिक्षक आते ही नहीं हैं या 17 से 20 तारीख के मध्य प्रपत्र 9 पर हस्ताक्षर कर लौट जाते हैं। सभी विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को खंड शिक्षाधिकारी का आशीर्वाद प्राप्त माना जाता है। जिसके कारण इस क्षेत्र की शिक्षण व्यवस्था एकदम ठप सी पड़ी है। कई बार शिक्षक विहीन विद्यालयों के बाबत अधिकारियों को अवगत कराया जाता रहा लेकिन इस व्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सका।
ग्राम प्रधान बहादुरपुर रीता देवी कहती हैं कि हमारे यहां प्राथमिक शिक्षा बिल्कुल दयनीय स्थिति में है। यहां तैनात शिक्षिका को किसी ने आज तक देखा ही नहीं है। काफी प्रयास किया लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। ग्राम प्रधान चंदावली बालकराम ने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक कभी नहीं आते हैं। सहायक अध्यापक के द्वारा ही विद्यालय खोला जाता है। प्रधानाध्यापक को मैंने फोन करके बुलाने की कोशिश भी की। जायघा प्रधान मंजू देवी ने बताया कि विद्यालय में तैनात शिक्षिका कभी नहीं आती हैं। शिकायत के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। ग्राम मई के प्रधान परशुराम कहते हैं कि मुहब्बतपुरा स्कूल में अध्यापिका नहीं आती हैं जिसके लिए उन्होंने प्रयास किया कि स्कूल संचालित हो सके, लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
खंड शिक्षाधिकारी रामगोपाल वर्मा से इस संबंध में बात की गयी तो वे कहते हैं कि इनमें से कुछ विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं जाते हैं उनको नोटिस भी दिया गया है। कई का वेतन भी काट दिया गया है। रमानीपुर व टीहर में तैनात शिक्षिकाएं मेडिकल पर हैं। विद्यालय न आने वाले अध्यापकों के विरुद्ध कार्यवाही कर शिक्षण व्यवस्था सुधारी जायेगी।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
क्षेत्र में कई विद्यालय ऐसे भी हैं जहां शिक्षकों द्वारा दो से चार हजार रुपए प्रति माह देकर स्थानीय लोगों को लगा दिया गया है। जो विद्यालय खोलकर बैठ जाते हैं।
क्षेत्र में कई पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षक शिक्षिकाएं आते ही नहीं हैं या महीने में एक दो दिन के लिए ही आते हैं। शिक्षकों पर अधिकारियों का इतना दबाव है कि शिक्षक खुलकर कुछ भी बताने में भय खाते हैं। वहीं कुछ शिक्षकों ने अपना नाम उजागर न होने देने की शर्त पर बताया कि खंड शिक्षाधिकारी के दो एनपीआरसी अति नजदीक हैं जो अधिकारी से शिक्षक की से¨टग करा देते हैं और यही एनपीआरसी प्रति माह पैसा एकत्रित कर अपने अधिकारी को देते हैं। प्राथमिक विद्यालय चंदावली, हुकुमपुरा, मुहब्बतपुरा, जायघा, रामपुरा कोठी, कंझारी, गोरा चिरइया, जसुआपुर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय महटौली, ऊमरी, बहादुरपुर, रमानपुर, बिलौड़, कन्या प्राथमिक विद्यालय टीहर आदि ऐसे विद्यालय हैं या तो शिक्षक आते ही नहीं हैं या 17 से 20 तारीख के मध्य प्रपत्र 9 पर हस्ताक्षर कर लौट जाते हैं। सभी विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को खंड शिक्षाधिकारी का आशीर्वाद प्राप्त माना जाता है। जिसके कारण इस क्षेत्र की शिक्षण व्यवस्था एकदम ठप सी पड़ी है। कई बार शिक्षक विहीन विद्यालयों के बाबत अधिकारियों को अवगत कराया जाता रहा लेकिन इस व्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सका।
ग्राम प्रधान बहादुरपुर रीता देवी कहती हैं कि हमारे यहां प्राथमिक शिक्षा बिल्कुल दयनीय स्थिति में है। यहां तैनात शिक्षिका को किसी ने आज तक देखा ही नहीं है। काफी प्रयास किया लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। ग्राम प्रधान चंदावली बालकराम ने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक कभी नहीं आते हैं। सहायक अध्यापक के द्वारा ही विद्यालय खोला जाता है। प्रधानाध्यापक को मैंने फोन करके बुलाने की कोशिश भी की। जायघा प्रधान मंजू देवी ने बताया कि विद्यालय में तैनात शिक्षिका कभी नहीं आती हैं। शिकायत के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। ग्राम मई के प्रधान परशुराम कहते हैं कि मुहब्बतपुरा स्कूल में अध्यापिका नहीं आती हैं जिसके लिए उन्होंने प्रयास किया कि स्कूल संचालित हो सके, लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
खंड शिक्षाधिकारी रामगोपाल वर्मा से इस संबंध में बात की गयी तो वे कहते हैं कि इनमें से कुछ विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं जाते हैं उनको नोटिस भी दिया गया है। कई का वेतन भी काट दिया गया है। रमानीपुर व टीहर में तैनात शिक्षिकाएं मेडिकल पर हैं। विद्यालय न आने वाले अध्यापकों के विरुद्ध कार्यवाही कर शिक्षण व्यवस्था सुधारी जायेगी।
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