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UPTET: सुप्रीमकोर्ट से 15वां संशोधन निरस्त होने से शिक्षकों की यह 7 भर्तियाँ होंगी निरस्त

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और जूनियर परिषदीय स्कूलों में लगभग 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अब फंसती नजर आ रही है। बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने जाने सेएकेडमिक रिकार्ड से जो भी भर्ती हुई हैं उन पर तलवार लटकी है.


वहीँ पिछली डेट पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइड लाइन का सही प्रयोग किया गया है और नहीं तो क्यों नहीं?

अब प्रश्न यह उठता है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकता है, और दूसरा प्रश्न है क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना कहाँ तक सही है? यही वो हैं सवाल जिन पर कोर्ट में लटक सकती हैं यह भर्तियाँ?

बात यह है कि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो चूका है.अब उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा. वहीं दूसरी ओर यदि 15वां संशोधन बहाल होता है तो टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा आ जायेगा. इन सभी सवालों को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को होनी है.

पिछले चार बर्षों एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई हैं यह नियुक्तियां:
  1. 9770 सहायक अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
  2. 10,800 सहायक अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
  3. 29,334 सहायक अध्यापक जूनियर हाईस्कूल गणित विज्ञानं में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
  4. 4,280 उर्दू सहायक अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
  5. 10,000 सहायक अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
  6. 15,000 सहायक अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई
सरकार ने 15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है. वहीँ 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया है, जोकि वैध माना है.

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