प्रदेश में चल रही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में
शिक्षामित्रों और विशेष आरक्षण की बची हुई सीटों को सामान्य अभ्यर्थियों से
भरने के निर्देश फिर जारी कर दिए गए हैं। 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में
इस मामले पर फैसला आना है लिहाजा राज्य सरकार तेजी से चयन प्रक्रिया पूरी
करना चाह रही है।
शिक्षामित्रों की बची हुई सीटों को सामान्य अभ्यर्थियों से
भरने के आदेश पिछले वर्ष जनवरी में भी जारी हो चुके हैं। अभी तक बेसिक
शिक्षा अधिकारी इन सीटों को सामान्य अभ्यर्थियों से भरने से बच रहे थे। अब
जब सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने की तारीख नजदीक आ रही है तो ज्यादा से
ज्यादा सीटें भरने की कवायद शुरू कर दी गई है। विशेष आरक्षण की सीटें
क्षैतिज आरक्षण के तहत छोड़ी जाती हैं इसलिए इसमें ज्यादा सीटें खाली रह गई
हैं। वहीं शिक्षामित्रों की सीटें भी उनके समायोजन के चलते खाली रह गई थीं।
इस भर्ती में 9-10 चक्रों की काउंसिलिंग हो चुकी हैं लेकिन
ऑनलाइन काउंसिलिंग न होने के कारण इसमें बहुत समय लग रहा है। अब भी प्रदेश
में लगभग 12 हजार सीटें रिक्त हैं। वहीं सत्यापन में फर्जी अंकपत्र या
प्रमाणपत्र के कारण भी नियुक्तियां खारिज की जा रही हैं।
यह भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है। 25 मार्च, 2014
को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 के विज्ञापन पर करने के
निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग ने अगस्त, 2014 में पहली काउंसिलिंग का
आयोजन किया। तब से यह भर्ती लगातार चल रही है। ज्यादातर अभ्यर्थियों ने
30-35 जिलों में आवेदन किया था। एक जगह चयनित होने के बाद भी उसका नाम बाकी
जिलों से नहीं हट रहा है क्योंकि इसका ब्यौरा ऑनलाइन नहीं है। इसी कारण
इसकी 9-10 काउंसिलिंग होने के बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
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