वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के पिता को अदालत ने फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी करने के मामले में शुक्रवार को जेल भेज दिया। अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज रमेश कुमार की अदालत ने आरोपी ज्ञानचंद सोनकर अंतरिम जमानत खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया।
ज्ञानचंद पर आरोप है कि उन्होंने 2004 में विशिष्ट बीटीसी में फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था, बाद में इसी आधार पर उन्हें टीचर की सरकारी नौकरी मिल गई।
एसपी नेता अपराजिता सोनकर के पिता ज्ञानचंद के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 11 अप्रैल 2013 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वर्ष 2004 के विशिष्ट बीटीसी में चयनित अभ्यर्थियों के अंक पत्रों व प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जिसमें ज्ञानचंद सोनकर समेत 23 लोगों की बी.एड की डिग्री फर्जी निकली है।
मामला संज्ञान में आने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इन आरोपियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी कर नौकरी पाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी ने चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में सरेंडर किया था। आरोपी की ओर से अंतरिम जमानत देने की अदालत से गुहार लगायी गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया।
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ज्ञानचंद पर आरोप है कि उन्होंने 2004 में विशिष्ट बीटीसी में फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था, बाद में इसी आधार पर उन्हें टीचर की सरकारी नौकरी मिल गई।
एसपी नेता अपराजिता सोनकर के पिता ज्ञानचंद के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 11 अप्रैल 2013 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वर्ष 2004 के विशिष्ट बीटीसी में चयनित अभ्यर्थियों के अंक पत्रों व प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जिसमें ज्ञानचंद सोनकर समेत 23 लोगों की बी.एड की डिग्री फर्जी निकली है।
मामला संज्ञान में आने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इन आरोपियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी कर नौकरी पाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी ने चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में सरेंडर किया था। आरोपी की ओर से अंतरिम जमानत देने की अदालत से गुहार लगायी गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया।
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