देशभर में स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से यानी एक अप्रैल से पांचवीं और आठवीं क्लास की परीक्षाएं स्कूली बोर्ड से कराई जा सकती हैं। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर गठित सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन की उप
समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की है।
उप समिति ने इसकी रिपोर्ट भी मानव संसाधन मंत्रलय को भेज दी है। इस उप समिति में मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री को भी रखा गया है। जो लंबे समय से स्कूली बोर्ड को शुरू करने के पक्ष में है।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर गठित सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन की उप समिति ने इसके अलावा आरटीई एक्ट में बदलाव की भी सिफारिश की है, जिसके तहत अभी तक आठवीं तक शिक्षा को अनिवार्य किया गया था। यानी कोई भी बच्चा पढ़ने में चाहे कितना भी कमजोर हो, उसे आठवीं तक फेल नहीं किया जा सकता है। सिफारिश में इस अनिवार्यता को खत्म करने को कहा गया है। गुणवत्ता में सुधार को लेकर गठित उप समिति का अध्यक्ष राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री प्रो. बासुदेव देवनानी को बनाया गया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की है।
उप समिति ने इसकी रिपोर्ट भी मानव संसाधन मंत्रलय को भेज दी है। इस उप समिति में मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री को भी रखा गया है। जो लंबे समय से स्कूली बोर्ड को शुरू करने के पक्ष में है।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर गठित सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन की उप समिति ने इसके अलावा आरटीई एक्ट में बदलाव की भी सिफारिश की है, जिसके तहत अभी तक आठवीं तक शिक्षा को अनिवार्य किया गया था। यानी कोई भी बच्चा पढ़ने में चाहे कितना भी कमजोर हो, उसे आठवीं तक फेल नहीं किया जा सकता है। सिफारिश में इस अनिवार्यता को खत्म करने को कहा गया है। गुणवत्ता में सुधार को लेकर गठित उप समिति का अध्यक्ष राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री प्रो. बासुदेव देवनानी को बनाया गया है।