रशासनिक सुधार विभाग: 22 Aug 2016 ||
मुरादाबाद
निवासी श्री पवन अग्रवाल ने सूूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जनसूचना
अधिकारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मण्डल, मुरादाबाद से अपने संलग्न
पत्र दिनांक 20.06.2015 व दिनांक 10.06.2015 पर अब तक क्या कार्यवाही की
गयी है।प्रार्थी का आवेदन-पत्र किस अधिकारी/कर्मचारी के पास जांच हेतु कितने समय तक लम्बित है। प्रकरण के सम्बन्ध में कौन-कौन से कर्मचारी दोषी है। उन पर क्या कार्यवाही की गयी है, नाम व पदनाम, सहित प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध कराये। मगर इस सम्बन्ध में जनसूचना अधिकारी द्वारा वादी को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी। वादी ने आर0टी0आई0 एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर सम्बन्धित मामले की जानकारी प्राप्त करनी चाही है।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मण्डल, मुरादाबाद को सूचना अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर समस्त अभिलेखों सहित अनिवार्य रूप से मा0 आयोग के समक्ष पेश करें, जिससे प्रकरण में अन्तिम निर्णय लिया जा सके, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
श्री पवन अग्रवाल ने लिखित रूप से प्रकरण के सम्बन्ध में आयोग को अवगत कराया है कि जनपद में डी0आई0ओ0एस0, मुरादाबाद के साथ मिलीभगत कर अम्बिका प्रसाद इण्टर कालेज व प्रबन्ध कार्यकारिणी द्वारा 20-20 लाख रूपये लेकर शिक्षक भर्ती के नाम पर घोटाला किया गया है। प्रबन्ध कमेटी ने फर्जी तरीके से एस0सी0 व ओ0बी0सी के 5 शिक्षक फर्जी नियुक्ति किये है, जबकि नियुक्ति विज्ञापन प्रकाशन में जो दिनांक दर्शायी गयी है उससे पूर्व ही भर्ती कर ली गयी गयी।
संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मण्डल, मुरादाबाद से श्री पीयूष कुमार विश्नोई उपस्थित हुए उनके द्वारा आयोग को अवगत कराया कि प्रबन्धक द्वारा निजी स्वार्थवश साक्षात्कार की तिथि 17 दिन कम की गयी। प्रबन्धक द्वारा नियुक्ति किये गये, अभ्यर्थियों की वेतन अनुमन्यता निर्गत करने से पूर्व ही तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक, मुरादाबाद द्वारा नियुक्तियों का अनुमोदन प्रदान कर दिया गया। प्रबन्धक द्वारा नियुक्तियों के सम्बन्ध में अपनायी गयी चयन प्रक्रिया में नियमों/निर्देशों का जानबूझकर उल्लघंन करने, निजी स्वार्थों की पूर्ति करने, वेतन अनुमन्यता निर्गत होने से पूर्व तत्कालीन डीआईओएस, प्रबन्धक द्वारा की गयी, नियुक्तियों का अनुमोदन प्रदान करने के कारण वेतन अनुमन्यता निर्गत किया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है।
अम्बिका प्रसाद इण्टर कालेज, मुरादाबाद में प्रबन्धक द्वारा की गयी नियुक्तियों में पारदर्शिता न होने के कारण एवं चयन प्रक्रिया दूषित होने के कारण सभी 05 पदों पर किया गया चयन तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक, मुरादाबाद द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
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