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एकल शिक्षकों के सहारे 200 परिषदीय स्कूल

गोंडा: सीन एक- हलधरमऊ के पूरेऊंचेपुरवा स्थित जूनियर विद्यालय में मात्र एक शिक्षिका नेहा की तैनाती है। यहां तैनात रहे केदारनाथ द्विवेदी 30 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए, तब से वह 43 बच्चों को अकेले पढ़ा रही है। नेहा का कहना है कि जब वह मी¨टग में या छुट्टी पर जाती है तो स्कूल बंद करना पड़ता है।

सीन दो - सिकरी गांव के जूनियर विद्यालय का भी यही हाल है। पिछले तीन वर्षों से एक ही शिक्षक महादेव बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यहां पर कुल 55 बच्चों का पंजीकरण है। उन्होंने बताया कि यहां तैनात रहे शिक्षक रामविलास पाल वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हो गए। तब से किसी की तैनाती नहीं हुई। उन्होंने बताया कि अकेले सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में परेशानी होती है। विषम परिस्थितियों में स्कूल में ताला लगाना पड़ता है।
यह दो मामले, बेसिक शिक्षा की तस्वीर को उजागर कर रहे हैं। जिले में तीन हजार से अधिक परिषदीय विद्यालय संचालित है। इन स्कूलों में करीब तीन लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। अभी हाल में परिषदीय स्कूलों में व्यापक स्तर पर शिक्षकों की नियुक्तियां हुई, जिससे प्राइमरी स्कूलों की तो दिक्कत दूर हो गई लेकिन उच्च प्राथमिक स्कूलों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में 15 प्राथमिक व 185 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जिनका संचालन एक शिक्षक के जिम्मे हैं। जिससे यहां पर शिक्षकों को काफी समस्या से जूझना पड़ रहा है। वैसे अगर नियम की बात करें तो उसके मुताबिक कक्षा एक से पांच तक में 60 बच्चों पर दो, 61 से 90 पर तीन, 91 से 120 बच्चों पर चार, 121 से 200 बच्चों पर 5 शिक्षक होने चाहिए। जिन स्कूलों में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे हैं, वहां पांच शिक्षकों के अलावा एक हेड टीचर भी होना चाहिए। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 200 से अधिक हो , वहां छात्र शिक्षक अनुपात 40 से अधिक नहीं होना चाहिए। वहीं कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों में विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन और भाषा का एक-एक शिक्षक अवश्य होना चाहिए। इसके बाद भी स्कूल एकल शिक्षक के सहारे हैं।
पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री अशोक कुमार पांडेय का कहना है कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के एकल होने के पीछे की वजह यह है कि शिक्षक रिटायर होते जा रहे हैं। न तो उनके स्थान पर नई नियुक्तियां हो रही है न ही पदोन्नति। जिसके कारण समस्या आ रही है।

बीएसए शिवेंद्र प्रताप ¨सह का कहना है कि एकल स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश होगी कि कहीं पर कोई दिक्कत न आने पावें। खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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