जागरण संवाददाता, लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) में बुधवार का दिन
हंगामे की भेंट चढ़ गया। शिक्षक पदों पर हो रही नियुक्तियों व स्नातक
कक्षाओं में दाखिले में धांधली करने का आरोप लगाकर छात्र संगठनों ने दिनभर
विरोध-प्रदर्शन किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कुलपति कार्यालय के गेट के बाहर डेरा डाल दिया तो सपा छात्रसभा ने प्रवेश समन्वयक कार्यालय में ताला डालकर उसे अपने कब्जे में ले लिया और घंटों हंगामा किया। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन के अधिकारियों को हंगामे को शांत करवाने में काफी पसीना बहाना पड़ा। प्रदर्शन के बाद लविवि प्रशासन ने स्नातक दाखिले की काउंसिलिंग में प्रोजेक्टर के माध्यम से डिस्प्ले बोर्ड लगाने की घोषणा की।
लविवि में शिक्षकों की हो रही नियुक्तियों के विरोध में एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री सत्यभान सिंह भदौरिया, छात्रनेता विवेक सिंह मोनू और अजीत प्रताप सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र कुलपति कार्यालय के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। सत्यभान सिंह भदौरिया ने आरोप लगाया कि वर्तमान कुलपति प्रो. एसबी निम्से का कार्यकाल बीती 12 मई को पूरा हो चुका है और अब वह बढ़े कार्यकाल में काम कर रहे हैं। ऐसे में आखिर वह किस आधार पर शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं। जबकि कार्यकाल पूरा होने के तीन महीने पहले से ही कुलपति द्वारा किसी भी तरह के महत्वपूर्ण फैसले करने पर रोक रहती है।
फिर बीती 10 मई 2016 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षिक पद पर भर्ती के लिए वर्ष 2009 से पहले के पीएचडी धारकों को छूट दे दी है। ऐसे में वर्तमान में हो रही शिक्षक भर्ती को रोककर ऐसे अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाना चाहिए। मगर यहां पर सबकुछ गड़बड़ हो रहा है। फिलहाल राज्यपाल राम नाईक व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन एसीएम पंचम को सौंपा और चेतावनी दी कि अगर कोई ठोस कार्रवाई न हुई तो सख्त कार्रवाई होगी।
उधर दूसरी ओर स्नातक कक्षाओं में दाखिले में गड़बड़ी करने का आरोप लगाकर सपा छात्रसभा के प्रदेश सचिव अनिल यादव व छात्रनेता राकेश समाजवादी सहित बड़ी संख्या में मौजूद रहे। छात्रों ने प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा के कार्यालय में तालाबंदी कर दी और कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया। प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा को घेरकर छात्र वहां पर नारेबाजी करने लगे। छात्रनेता अनिल यादव ने कहा कि यहां पर एलएलबी ऑनर्स के एक अभिभावक ने लिखित शिकायत की है कि काउंसिलिंग में गड़बड़ी की जा रही है। ऐसे में पारदर्शिता के लिए यहां काउंसिलिंग सेंटर के बाहर प्रोजेक्टर के माध्यम से सीटों का डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए ताकि कितनी सीटें भरी व कितनी खाली रह गई इसका ब्योरा दिखाया जा सके। फिलहाल प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा ने जब शुक्रवार से काउंसिलिंग सेंटर के बाहर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाने की सार्वजनिक घोषणा की तभी छात्र वहां से हटे।
आखिर अब डिस्प्ले बोर्ड लगाने का क्या फायदा?
लविवि में बीएससी बायो, एलएलबी व बीए आदि कोर्सेज में दाखिले की काउंसिलिंग लगभग हो चुकी है। ऐसे में अब डिस्प्ले बोर्ड लगाने का क्या फायदा?
कोट
लविवि में सभी कार्य नियम व कानून के दायरे में हो रहे हैं। कहीं किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की जा रही। छात्रों की मांग पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जा रहा है।
-प्रो. एसबी निम्से, कुलपति, लविवि
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कुलपति कार्यालय के गेट के बाहर डेरा डाल दिया तो सपा छात्रसभा ने प्रवेश समन्वयक कार्यालय में ताला डालकर उसे अपने कब्जे में ले लिया और घंटों हंगामा किया। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन के अधिकारियों को हंगामे को शांत करवाने में काफी पसीना बहाना पड़ा। प्रदर्शन के बाद लविवि प्रशासन ने स्नातक दाखिले की काउंसिलिंग में प्रोजेक्टर के माध्यम से डिस्प्ले बोर्ड लगाने की घोषणा की।
लविवि में शिक्षकों की हो रही नियुक्तियों के विरोध में एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री सत्यभान सिंह भदौरिया, छात्रनेता विवेक सिंह मोनू और अजीत प्रताप सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र कुलपति कार्यालय के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। सत्यभान सिंह भदौरिया ने आरोप लगाया कि वर्तमान कुलपति प्रो. एसबी निम्से का कार्यकाल बीती 12 मई को पूरा हो चुका है और अब वह बढ़े कार्यकाल में काम कर रहे हैं। ऐसे में आखिर वह किस आधार पर शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं। जबकि कार्यकाल पूरा होने के तीन महीने पहले से ही कुलपति द्वारा किसी भी तरह के महत्वपूर्ण फैसले करने पर रोक रहती है।
फिर बीती 10 मई 2016 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षिक पद पर भर्ती के लिए वर्ष 2009 से पहले के पीएचडी धारकों को छूट दे दी है। ऐसे में वर्तमान में हो रही शिक्षक भर्ती को रोककर ऐसे अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाना चाहिए। मगर यहां पर सबकुछ गड़बड़ हो रहा है। फिलहाल राज्यपाल राम नाईक व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन एसीएम पंचम को सौंपा और चेतावनी दी कि अगर कोई ठोस कार्रवाई न हुई तो सख्त कार्रवाई होगी।
उधर दूसरी ओर स्नातक कक्षाओं में दाखिले में गड़बड़ी करने का आरोप लगाकर सपा छात्रसभा के प्रदेश सचिव अनिल यादव व छात्रनेता राकेश समाजवादी सहित बड़ी संख्या में मौजूद रहे। छात्रों ने प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा के कार्यालय में तालाबंदी कर दी और कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया। प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा को घेरकर छात्र वहां पर नारेबाजी करने लगे। छात्रनेता अनिल यादव ने कहा कि यहां पर एलएलबी ऑनर्स के एक अभिभावक ने लिखित शिकायत की है कि काउंसिलिंग में गड़बड़ी की जा रही है। ऐसे में पारदर्शिता के लिए यहां काउंसिलिंग सेंटर के बाहर प्रोजेक्टर के माध्यम से सीटों का डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए ताकि कितनी सीटें भरी व कितनी खाली रह गई इसका ब्योरा दिखाया जा सके। फिलहाल प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा ने जब शुक्रवार से काउंसिलिंग सेंटर के बाहर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाने की सार्वजनिक घोषणा की तभी छात्र वहां से हटे।
आखिर अब डिस्प्ले बोर्ड लगाने का क्या फायदा?
लविवि में बीएससी बायो, एलएलबी व बीए आदि कोर्सेज में दाखिले की काउंसिलिंग लगभग हो चुकी है। ऐसे में अब डिस्प्ले बोर्ड लगाने का क्या फायदा?
कोट
लविवि में सभी कार्य नियम व कानून के दायरे में हो रहे हैं। कहीं किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की जा रही। छात्रों की मांग पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जा रहा है।
-प्रो. एसबी निम्से, कुलपति, लविवि
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