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फाइनैंशल ईयर 2015-16 में टैक्स बचाने के तरीके

फाइनैंशल ईयर 2015-16 में टैक्स बचाने के लिए एक्चुअल इन्वेस्टमेंट क्या कर दिया आपने? नहीं किया है तो यही सही समय है। ऐसा न करने पर आपका टीडीएस कटना शुरू हो जाएगा। फाइनैंशल ईयर 2015-16 के लिए टैक्स बचाने वाले इन्वेस्टमेंट करने और उनका प्रूव जमा करने की आखिरी तारीख के बारे में आपके ऑफिस की ओर से आपको सूचना मिल गई होगी।
आमतौर पर यह तारीख दिसंबर के अंत तक या।जनवरी के पहले हफ्ते के अंत तक होती है। इस फाइनैंशल ईयर की शुरुआत में भी आपने ऐसी ही सूचना अपने एंप्लॉयर को भेजी होगी, लेकिन वह प्रपोज्ड इन्वेस्टमेंट था और उसमें इन्वेस्टमेंट का प्रूफ नहीं देना था।

अब आपको टैक्स बचाने के लिए किए गए उन सभी इनवेस्टमेंट के सबूत जमा करने हैं, जो आपने 1 अप्रैल से लेकर अब तक किए हैं या मार्च 2016 तक करने वाले हैं। टैक्स बचाने के लिए किए जाने इन्वेस्टमेंट में कुछ चीजें ऐसी हैं, जो हम जाने-अनजाने करते ही हैं, जैसे दो बच्चों की फीस और हर महीने सैलरी से पीएफ के रूप में कट रही रकम।

इन दोनों आइटमों को टैक्स सेविंग के लिए इनवेस्टमेंट करने से पहले ध्यान में रखें। इसके बाद अगर जरूरत है तो इनवेस्टमेंट के लिए नीचे दिए गए आइटमों में से चुन सकते हैं:

80 C में मिलने वाले डिडक्शन
80 C, 80 CCC और 80 CCD में इन आइटमों में छूट मिलती है। इसकी सीमा फाइनैंशल ईयर 2015-16 के लिए डेढ़ लाख रुपये है:

1. एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (EPF)
2. दो बच्चों की ट्युइशन फीस
3. पांच साल की एफडी (FD)
4. पब्लिक प्रविडेंट फंड (PPF)
5. सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम
6. होम लोन के रीपेमेंट में प्रिंसिपल वाली रकम
7. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम
8. एनएससी VIII इशू

इन आइटमों में भी छूट मिलती है, जो डेढ़ लाख की सीमा से अलग है:

80D: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम।
24b: होम लोन के रीपेमेंट में ब्याज की रकम पर मिलती है छूट। इसकी सीमा दो लाख रुपये है।

80E: हायर स्टडीज के लिए लिए गए एजुकेशन लोन के रीपेमेंट में ब्याज की रकम पर।

80G: किसी संस्था को दी जाने वाली डोनेशन।
टैक्स फ्री बॉन्ड्स का भी ऑप्शन यह एक तरह का डेट इंस्ट्रूमेंट है। कंपनियों को जब पैसे की जरूरत होती है तो वे इस तरह के बॉन्ड जारी करती हैं। टैक्स फ्री बॉन्ड पर मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता। इन दिनों एनएचएआई ने टैक्स फ्री बॉन्ड निकाला हुआ है। इस पर करीब 7.60 फीसदी का ब्याज मिलेगा। खासियत यह है कि आपके हाथ में जो रिटर्न आएगा, वह एफडी से ज्यादा होगा। बॉन्ड आप 31 दिसंबर तक ले सकते हैं। एक बॉन्ड की कीमत 1 हजार रुपये है। हर इन्वेस्टर को कम से कम पांच बॉन्ड लेने ही होंगे। इस बॉन्ड को एएए रेटिंग दी गई है इसलिए इसे सुरक्षित माना जा सकता है। यहां यह याद रखें कि टैक्स फ्री बॉन्ड्स का मतलब सिर्फ यह है कि इससे मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन जो रकम आप इनवेस्ट कर रहे हैं, उस रकम पर आपको टैक्स में कोई छूट नहीं मिलती। यह भी याद रखें

1. बीते अप्रैल के महीने में आपने जो प्रपोज्ड इनवेस्टमेंट दिखाया होगा, जरूरी नहीं है कि आपने वही इन्वेस्टमेंट किए हों। आप किसी भी जगह कितनी भी रकम इन्वेस्ट कर सकते हैं। अब इन्वेस्टमेंट करने के बाद जो भी रसीदें आप अपने ऑफिस में देंगे, उन्हें ही पूरे फाइनैंशल ईयर के लिए टैक्स कैलकुलेशन में शामिल किया जाएगा।

2. टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट करने का यह आखिरी मौका नहीं है। आप 31 मार्च 2016 तक टैक्स बचाने वाले इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। अभी इन्वेस्टमेंट करने का फायदा यह है कि कंपनी आपका टीडीएस नहीं काटेगी। अगर अभी इन्वेस्टमेंट नहीं किया और ऑफिस की ओर से टीडीएस काट लिया गया और फिर 31 मार्च 2016 से पहले आपने इन्वेस्टमेंट कर दिया तो आपको कटी हुई रकम का रिफंड रिटर्न के जरिए लेना होगा।

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