रेलवे भर्ती सेल (आरआरसी) इलाहाबाद की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में
फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कस गया है। फर्जीवाड़ा करने वालों में
सबसे आगे बिहार के अभ्यर्थी हैं। फिर यूपी के हैं और उसमें भी इलाहाबाद के
ज्यादा। इन्हें डिबार कर दिया गया है। अब यह रेलवे की किसी परीक्षा में
नहीं बैठ सकेंगे।
आरआरसी इलाहाबाद
ने ग्रुप डी के 2609 पदों पर भर्ती के लिए देशभर में नंवबर-दिसंबर 2014
में लिखित परीक्षा कराई थी। मार्च 2015 में रिजल्ट जारी हुआ और इसके तुरंत
बाद फिजिकल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हुई। फिजिकल में ही 54 फर्जी अभ्यर्थी
पकड़े गए थे। फिजिकल में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच
सितंबर-अक्टूबर 2015 में हुई तो 339 अभ्यर्थी ऐसे मिले, जिनके बारे में कहा
जा रहा है कि उन्होंने फर्जीवाड़ा किया। बिहार के 176, यूपी के 123 (इनमें
55 इलाहाबाद के ही हैं), राजस्थान के 35, दिल्ली और हरियाणा के दो-दो और
कर्नाटक का एक अभ्यर्थी है। शेष 2141 को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया
चल रही है। पिछली दो भर्तियों के दौरान आरआरसी लगातार फर्जीवाड़ा पकड़ रहा
है। अब तक वह पांच सौ से अधिक अभ्यर्थियों को डिबार कर चुका है। इन सभी की
सूची सार्वजनिक की जाएगी, ताकि यह कहीं और परीक्षा में शामिल नहीं हो
सकें।
दलालों को दिया पैसा बेकार 1रेलवे में भर्ती कराने के लिए बिहार
और यूपी में बड़े पैमाने पर दलाल सक्रिय हैं। जानकारों की मानें तो दलालों
ने भर्ती कराने के एवज में ऐसे अभ्यर्थियों से ढाई से पांच लाख रुपये लिए
थे। अभी और भी खिलाड़ी
आरआरसी इलाहाबाद चेयरमैन संजीव कुमार को
आशंका है कि अभी कुछ और ऐसे फर्जी अभ्यर्थी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि
नियुक्ति के लिए झांसी, आगरा और इलाहाबाद डीआरएम को सूची भेजी जा रही है।
वहां भी मिलान कराया जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि कतिपय दलाल अपने
अभ्यर्थियों को सीधे ज्वाइन करने के लिए भेज सकते हैं। इसलिए नियुक्ति के
दौरान भी अंगूठे के निशान, हैंडराइटिंग और फोटो का मिलान कराया जाएगा।
रेलवे
पेपर लेस वर्किंग की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अब तक आरक्षित टिकट ही
पेपरलेस वर्किंग में था। निकट भविष्य में टेंडर प्रक्रिया भी पेपरलेस हो
जाएगी। पर्यावरण संरक्षण और स्टेशनरी खर्च में इससे कमी आएगी। साथ ही
पारदर्शिता भी होगी। अभी तक आरक्षित टिकट पेपरलेस वर्किंग के तहत हैं। कोई
भी यात्री ऑनलाइन टिकट का एसएमएस दिखाकर यात्र कर सकता है। जल्द ही उत्तर
मध्य रेलवे में अनारक्षित टिकट भी ऑनलाइन हो जाएंगे। वैसे इससे पहले टेंडर
प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की तैयारी है। उत्तर मध्य रेलवे के जीएम अरुण
सक्सेना की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में तय किया गया था कि पहली
जनवरी से सभी छोटे टेंडरों को ऑनलाइन कर दिया जाए। इससे रिकार्ड रखने में
तो आसानी होगी ही, और काम में पारदर्शिता आएगी। पहली अप्रैल से सभी बड़े
टेंडरों के काम भी ऑनलाइन किए जाएंगे। वैसे अभी भी टेंडर की कुछ प्रक्रिया
ऑनलाइन है। इसे पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा। सीपीआरओ बिजय कुमार कहते हैं
कि सारे काम कंप्यूटराइज्ड हो चुके हैं। अगला चरण पेपरलेस वर्किंग का है।
भर्तियां
और शासनादेश आनलाइन : बताते चलें कि रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं को
ऑनलाइन कर दिया है। चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारी स्तर तक की भर्तियों के
लिए आवेदन और परीक्षा आनलाइन कर दी गई है। ग्रुप सी पदों के लिए आनलाइन
परीक्षा शुरू हो गई है। निकट भविष्य में ग्रुप डी की भर्ती परीक्षा भी
आनलाइन की जाएगी। रेलवे में सभी आदेश अब आनलाइन ही जारी हो रहे हैं। कोई भी
इंडियन रेलवेज के वेबसाइट पर सभी वांछित आदेश और संबंधित सूचनाएं देख सकता
है।