एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ बीजेपी के भारी हंगामे के बीच बुधवार को विधानसभा में 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुपूरक बजट पास हो गया। इस दौरान बीजेपी विधायक वेल में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
बजट पास होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही 29 अगस्त को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सीएम अखिलेश यादव ने हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को लोकसभा घेरने की सलाह दी। कहा कि यहां हंगामे से कुछ नहीं होगा।
नहीं हुआ प्रश्नकाल
विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने से पहले ही बीजेपी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंचे और धरने पर बैठ गए। सभी अपने हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखे बैनर पकड़े थे। सदन में पहुंचते ही विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी सदस्यों से सीट पर जाने को कहा, लेकिन वह नारेबाजी करते रहे। हंगामे के बीच नेता विपक्ष ने अध्यक्ष से नियम 311 के तहत सदन के सभी कार्यों को रोकते हुए ध्वस्त कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग ज्वलंत समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए हंगामा कर रहे हैं। अध्यक्ष के कई बार आग्रह पर भी जब बीजेपी विधायक शांत नहीं हुए तो उन्होंने 12.03 बजे विधानसभा की कार्यवाही 12.20 बजे तक स्थगित कर दी।
पास हुआ अनुपूरक बजट
12.20 बजे जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष सदन में पहुंचे, बीजेपी विधायकों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप अपने गुजरात को देखिए, वहां हंगामा करने पर सभी विधायक बाहर निकाल दिए जाते हैं। अपनी सीटों पर जाइए। पूछा कि लॉ एंड ऑर्डर पर चर्चा चाहते हैं या सिर्फ हल्ला करना चाहते हैं। इस पर बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। कहा कि बाहर लोकतंत्र की हत्या हो रही है। आजम खां ने चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी विधायकों ने बाहर कार्यकर्ताओं को ठंडे पानी के लिए छोड़ दिया और खुद यहां बैठ मौज ले रहे हैं। कहा कि बाहर कोई लाठी नहीं चली, ये लोग लाठीचार्ज के पूर्वाभ्यास से ही यहां बैठे हैं। जब बीजेपी विधायक शांत नहीं हुए तो हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही शुरू हो गई। बीजेपी के हंगामे के बीच ही 25 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट पास हो गया।
बजट का पैसा खर्च नहीं हुआ : नेता प्रतिपक्ष
बीजेपी के हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गयाचरण दिनकर ने कहा कि अभी सरकार आम बजट का पैसा भी खर्च नहीं कर पाई है। जब बजट का पैसा खर्च नहीं हुआ तो अनुपूरक की जरूरत ही नहीं है। संस्थागत वित्त विभाग अभी महज एक फीसदी ही बजट खर्च कर पाया है। जबकि, परिवहन विभाग 3.46 फीसदी, न्याय विभाग 8.14 फीसदी, प्राथमिक शिक्षा विभाग 6.37 फीसदी, माध्यमिक शिक्षा विभाग 8.44 फीसदी, उच्च शिक्षा विभाग 10.34 फीसदी ही खर्च कर पाया है। नेता प्रतिपक्ष आगे कुछ बोलते, इससे पहले ही मुख्यमंत्री खड़े हो गए। सीएम ने कहा कि मैं चाहता था कि नेता प्रतिपक्ष की आवाज सुनने को मिले। नेता प्रतिपक्ष ने आंकड़े ध्यान से नहीं देखे। यह नहीं देखा कि अनुपूरक बजट किस लिए लाना पड़ा।
केंद्र ने नहीं दिया पैसा : सीएम
सीएम ने कहा कि केंद्र ने यूपी को न तो सड़क के लिए पैसा दिया है और न ही ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को दिया जाने वाला फंड। केंद्र की टीम ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का आंकलन भी कर गई थी, फिर भी फंड नहीं दिया। इसी वजह से हमारी सरकार को अनुपूरक लाना पड़ा। इसमें किसानों के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए पैसे की व्यवस्था की गई है। कहा कि जो इस अनुपूरक बजट का विरोधी है वह विकास, किसानों और पूर्वांचल का भी विरोधी है। सरकार लॉ एंड ऑर्डर और किसानों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इनमें (बीजेपी) इतनी ताकत नहीं कि बहस कर सकें।
गुस्साए आजम, बीजेपी सदस्यों को बताया निकम्मा
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा पहुंच चुके थे। इसी बीच बीजेपी के कुछ विधायक बैनर लेकर मुख्यमंत्री के सामने पहुंच गए। यह देखते ही आजम खां का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। कहा कि ये (बीजेपी) सभ्यता की बातें करते हैं, लेकिन इनकी सभ्यता देखिए कि मुख्यमंत्री के सामने बैनर लहरा रहे हैं। चर्चा से डरते हैं। ये बुजदिल और निकम्मे हैं। उन्होंने इस बात को दो-तीन बार दोहराया। इस पर बीजेपी विधायकों ने सरकार विरोधी नारों के साथ आजम तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी..., आजम तेरी तानाशाही नहीं चलेगी...के नारे शुरू कर दिए।
निकम्मी सरकार की क्या सुनें : सुरेश खन्ना
बीजेपी विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्य सरकार बजट का पैसा खर्च नहीं कर पाई है और अनुपूरक बजट ले आई। ऐसी नाकारा और निकम्मी सरकार की क्या सुनें? इसीलिए बीजेपी ने बुधवार को सदन नहीं चलने दिया। खन्ना ने कहा कि बुलंदशहर कांड, जवाहरबाग, बलिया में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या और कैराना में हो रहे लगातार पलायन पर सरकार चर्चा को तैयार नहीं है। सरकार खुद स्वीकार कर चुकी है कि यूपी में पुलिस पर हमले बढ़े हैं। इसके बाद भी कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया। बीजेपी नेता ने विधानसभा के बाहर कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाए जाने की मांग की। कहा कि ऐसा माहौल बनाया गया, जैसे इमरजेंसी लगी हो।
विधान परिषद में भी अड़ी रही बीजेपी
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
विधान परिषद में बीजेपी सदस्यों ने बुधवार को भी बदहाल कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा किया। उन्होंने वेल में आकर नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही चलने तक धरने पर रहे। हंगामे के दौरान ही अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया।
विधान परिषद में सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी सदस्य वेल में आ गए। उन्होंने बुलंदशहर गैंगरेप, महिला उत्पीड़न, अपराध के मुद्दों पर सरकार को असफल बताया। साथ ही गन्ना किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा न रुकने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद सभापति ने यह स्थगन शाम को तीन बजे तक बढ़ा दिया। इस दौरान बीजेपी सदस्य धरने पर ही बैठे रहे। तीन बजे कार्यवाही शुरू हुई तो फिर वेल में हंगामा हुआ। इस हंगामे के दौरान ही बजट पारित कर दिया गया। उसके बाद कार्यवाही 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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बजट पास होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही 29 अगस्त को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सीएम अखिलेश यादव ने हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को लोकसभा घेरने की सलाह दी। कहा कि यहां हंगामे से कुछ नहीं होगा।
नहीं हुआ प्रश्नकाल
विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने से पहले ही बीजेपी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंचे और धरने पर बैठ गए। सभी अपने हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखे बैनर पकड़े थे। सदन में पहुंचते ही विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी सदस्यों से सीट पर जाने को कहा, लेकिन वह नारेबाजी करते रहे। हंगामे के बीच नेता विपक्ष ने अध्यक्ष से नियम 311 के तहत सदन के सभी कार्यों को रोकते हुए ध्वस्त कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग ज्वलंत समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए हंगामा कर रहे हैं। अध्यक्ष के कई बार आग्रह पर भी जब बीजेपी विधायक शांत नहीं हुए तो उन्होंने 12.03 बजे विधानसभा की कार्यवाही 12.20 बजे तक स्थगित कर दी।
पास हुआ अनुपूरक बजट
12.20 बजे जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष सदन में पहुंचे, बीजेपी विधायकों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप अपने गुजरात को देखिए, वहां हंगामा करने पर सभी विधायक बाहर निकाल दिए जाते हैं। अपनी सीटों पर जाइए। पूछा कि लॉ एंड ऑर्डर पर चर्चा चाहते हैं या सिर्फ हल्ला करना चाहते हैं। इस पर बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। कहा कि बाहर लोकतंत्र की हत्या हो रही है। आजम खां ने चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी विधायकों ने बाहर कार्यकर्ताओं को ठंडे पानी के लिए छोड़ दिया और खुद यहां बैठ मौज ले रहे हैं। कहा कि बाहर कोई लाठी नहीं चली, ये लोग लाठीचार्ज के पूर्वाभ्यास से ही यहां बैठे हैं। जब बीजेपी विधायक शांत नहीं हुए तो हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही शुरू हो गई। बीजेपी के हंगामे के बीच ही 25 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट पास हो गया।
बजट का पैसा खर्च नहीं हुआ : नेता प्रतिपक्ष
बीजेपी के हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गयाचरण दिनकर ने कहा कि अभी सरकार आम बजट का पैसा भी खर्च नहीं कर पाई है। जब बजट का पैसा खर्च नहीं हुआ तो अनुपूरक की जरूरत ही नहीं है। संस्थागत वित्त विभाग अभी महज एक फीसदी ही बजट खर्च कर पाया है। जबकि, परिवहन विभाग 3.46 फीसदी, न्याय विभाग 8.14 फीसदी, प्राथमिक शिक्षा विभाग 6.37 फीसदी, माध्यमिक शिक्षा विभाग 8.44 फीसदी, उच्च शिक्षा विभाग 10.34 फीसदी ही खर्च कर पाया है। नेता प्रतिपक्ष आगे कुछ बोलते, इससे पहले ही मुख्यमंत्री खड़े हो गए। सीएम ने कहा कि मैं चाहता था कि नेता प्रतिपक्ष की आवाज सुनने को मिले। नेता प्रतिपक्ष ने आंकड़े ध्यान से नहीं देखे। यह नहीं देखा कि अनुपूरक बजट किस लिए लाना पड़ा।
केंद्र ने नहीं दिया पैसा : सीएम
सीएम ने कहा कि केंद्र ने यूपी को न तो सड़क के लिए पैसा दिया है और न ही ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को दिया जाने वाला फंड। केंद्र की टीम ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का आंकलन भी कर गई थी, फिर भी फंड नहीं दिया। इसी वजह से हमारी सरकार को अनुपूरक लाना पड़ा। इसमें किसानों के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए पैसे की व्यवस्था की गई है। कहा कि जो इस अनुपूरक बजट का विरोधी है वह विकास, किसानों और पूर्वांचल का भी विरोधी है। सरकार लॉ एंड ऑर्डर और किसानों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इनमें (बीजेपी) इतनी ताकत नहीं कि बहस कर सकें।
गुस्साए आजम, बीजेपी सदस्यों को बताया निकम्मा
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा पहुंच चुके थे। इसी बीच बीजेपी के कुछ विधायक बैनर लेकर मुख्यमंत्री के सामने पहुंच गए। यह देखते ही आजम खां का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। कहा कि ये (बीजेपी) सभ्यता की बातें करते हैं, लेकिन इनकी सभ्यता देखिए कि मुख्यमंत्री के सामने बैनर लहरा रहे हैं। चर्चा से डरते हैं। ये बुजदिल और निकम्मे हैं। उन्होंने इस बात को दो-तीन बार दोहराया। इस पर बीजेपी विधायकों ने सरकार विरोधी नारों के साथ आजम तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी..., आजम तेरी तानाशाही नहीं चलेगी...के नारे शुरू कर दिए।
निकम्मी सरकार की क्या सुनें : सुरेश खन्ना
बीजेपी विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्य सरकार बजट का पैसा खर्च नहीं कर पाई है और अनुपूरक बजट ले आई। ऐसी नाकारा और निकम्मी सरकार की क्या सुनें? इसीलिए बीजेपी ने बुधवार को सदन नहीं चलने दिया। खन्ना ने कहा कि बुलंदशहर कांड, जवाहरबाग, बलिया में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या और कैराना में हो रहे लगातार पलायन पर सरकार चर्चा को तैयार नहीं है। सरकार खुद स्वीकार कर चुकी है कि यूपी में पुलिस पर हमले बढ़े हैं। इसके बाद भी कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया। बीजेपी नेता ने विधानसभा के बाहर कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाए जाने की मांग की। कहा कि ऐसा माहौल बनाया गया, जैसे इमरजेंसी लगी हो।
विधान परिषद में भी अड़ी रही बीजेपी
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
विधान परिषद में बीजेपी सदस्यों ने बुधवार को भी बदहाल कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा किया। उन्होंने वेल में आकर नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही चलने तक धरने पर रहे। हंगामे के दौरान ही अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया।
विधान परिषद में सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी सदस्य वेल में आ गए। उन्होंने बुलंदशहर गैंगरेप, महिला उत्पीड़न, अपराध के मुद्दों पर सरकार को असफल बताया। साथ ही गन्ना किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा न रुकने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद सभापति ने यह स्थगन शाम को तीन बजे तक बढ़ा दिया। इस दौरान बीजेपी सदस्य धरने पर ही बैठे रहे। तीन बजे कार्यवाही शुरू हुई तो फिर वेल में हंगामा हुआ। इस हंगामे के दौरान ही बजट पारित कर दिया गया। उसके बाद कार्यवाही 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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