सम्भल । परिषदीय स्कूलों में बच्चों में उपस्थिति कम होने से परेशान
बेसिक शिक्षा के अधिकारी अब गांधी गिरी पर उतर आए है। ऐसे में उन्होंने
गांव में जाकर ग्रामीणों के साथ बैठक कर मदरसे में बच्चों की पढ़ाई का समय
परिवर्तन करने की मांग की, लेकिन मौलाना के इंकार करने के बाद समस्या का
समाधान नहीं हो पाया।
यहां बता दें कि परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है।
ऐसे में विभाग अब बच्चों को स्कूल में पहुंचाने के लिए गांधी गिरी का सहारा ले रहा है। कुछ ऐसा ही मामला गांव पल्था में देखने को मिला है। यहां के प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत बच्चों की संख्या तो ठीक ठाक है, लेकिन जिन बच्चों का प्राथमिक विद्यालय में दाखिला है। वह बच्चे भी मदरसे में जाकर शिक्षा प्राप्त कर रहे है। जिसके चलते स्कूल में बच्चों की संख्या बेहद ही कम है। हेड मास्टर इस मामले की शिकायत कई बार विभाग में आकर अधिकारियों से कर चुका है। ऐसे में मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सैना व एबीआरसी आदिल बेग ने गांव में जाकर मदरसे के मौलाना व ग्रामीणों के साथ बैठक की। विभाग ने मदरसे के मौलाना से समय परिवर्तन करने की मांग की। मगर उन्होंने साफ मना किया दिया। इसके बाद ग्रामीणों से भी अपने बच्चों को स्कूल में भ जने की मांग की, लेकिन यहां भी उनको सफलता नहीं मिली। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अब इस मामले की रिपोर्ट बीएसए को भेजी जाएगी।
इनसेट
बच्चों की हजारी लगाने का समय नहीं है हेड मास्टर पर
सम्भल : स्कूल के हेड मास्टर को बच्चों की हाजरी व मिड डे मील को रजिस्टर में चढ़ाने का समय नहीं है। जिसके चलते रामपुर उर्फ यारपुर के प्राथमिक विद्यालय में तैनात हेड मास्टर छत्रपाल ने पिछले पांच दिन से न तो बच्चों की हजारी लगाई है और न ही मिड डे मील रजिस्टर में अंकित किया है। ऐसे में मंगलवार को खंड़ शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार को जब निरीक्षण के दौरान यह कमी मिली तो उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र लिखा है।
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यहां बता दें कि परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है।
ऐसे में विभाग अब बच्चों को स्कूल में पहुंचाने के लिए गांधी गिरी का सहारा ले रहा है। कुछ ऐसा ही मामला गांव पल्था में देखने को मिला है। यहां के प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत बच्चों की संख्या तो ठीक ठाक है, लेकिन जिन बच्चों का प्राथमिक विद्यालय में दाखिला है। वह बच्चे भी मदरसे में जाकर शिक्षा प्राप्त कर रहे है। जिसके चलते स्कूल में बच्चों की संख्या बेहद ही कम है। हेड मास्टर इस मामले की शिकायत कई बार विभाग में आकर अधिकारियों से कर चुका है। ऐसे में मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सैना व एबीआरसी आदिल बेग ने गांव में जाकर मदरसे के मौलाना व ग्रामीणों के साथ बैठक की। विभाग ने मदरसे के मौलाना से समय परिवर्तन करने की मांग की। मगर उन्होंने साफ मना किया दिया। इसके बाद ग्रामीणों से भी अपने बच्चों को स्कूल में भ जने की मांग की, लेकिन यहां भी उनको सफलता नहीं मिली। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अब इस मामले की रिपोर्ट बीएसए को भेजी जाएगी।
इनसेट
बच्चों की हजारी लगाने का समय नहीं है हेड मास्टर पर
सम्भल : स्कूल के हेड मास्टर को बच्चों की हाजरी व मिड डे मील को रजिस्टर में चढ़ाने का समय नहीं है। जिसके चलते रामपुर उर्फ यारपुर के प्राथमिक विद्यालय में तैनात हेड मास्टर छत्रपाल ने पिछले पांच दिन से न तो बच्चों की हजारी लगाई है और न ही मिड डे मील रजिस्टर में अंकित किया है। ऐसे में मंगलवार को खंड़ शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार को जब निरीक्षण के दौरान यह कमी मिली तो उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र लिखा है।
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