सीतापुर। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकाें को आकस्मिक अवकाश लेना अब आसान
नहीं होगा। शिक्षकों को अवकाश लेने से पहले बाकायदा बीईओ से हस्ताक्षरित
प्रपत्र लेना होगा। उसी के आधार पर ही उन्हें छुट्टी मिल पाएगी। यह प्रपत्र
प्रत्येक शिक्षक को दिया जाएगा।
शिक्षक इस प्रपत्र को भरकर प्रधानाध्यापक के पास जमा करेंगे। उसके बाद संकुल प्रभारी हर माह बीआरसी पर जमा करेंगे। इसकी इंट्री के लिए अलग से एक रजिस्टर बनाया जाएगा। इससे फर्जी अवकाश पर लगाम लगेगी।
इसे पहले बतौर पायलेट प्रोजेक्ट लखीमपुर जिले में लागू किया गया था। सफलता के बाद अब इसे लखनऊ मंडल में लागू किया गया है। इसे लेकर शासन ने बाकायदा आदेश जारी कर दिया है। पहले परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश लेना बहुत ही आसान था।
वह इसके लिए प्रार्थना पत्र प्रधानाध्यापक के पास जमा कर देते थे। उसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी की जानकारी के बगैर स्कूल से गायब हो जाते थे। इससे ब्लॉक मुख्यालय पर यह नहीं पता चल पाता था कि कितने शिक्षक अवकाश पर हैं। वहीं, अगर इस दौरान औचक मुआयना नहीं हुआ तो शिक्षक उस प्रार्थना पत्र को गायब करके हाजिरी दर्ज कर देते थे। अब इस फर्जी अवकाश पर लगाम लगेगी। अगर शिक्षक अवकाश लेंगे तो उसकी बाकायदा इंट्री की जाएगी। इसको लेकर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक महेंद्र सिंह राणा ने बीएसए को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी अपने हस्ताक्षर से एक प्रपत्र जारी करेंगे। यह प्रपत्र प्रत्येक शिक्षक को दिया जाएगा। अगर शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेते हैं तो उस प्रपत्र को भरना होगा। जिसमें तिथि, दिन सहित कारण स्पष्ट करना होगा। उसके बाद इस प्रपत्र को प्रधानाध्यापक के पास जमा कर दिया जाएगा। प्रधानाध्यापक इसको पत्र व्यवहार रजिस्टर पर अंकित करेंगे। उसके बाद इसको संकुल प्रभारी के पास जमा किया जाएगा। संकुल प्रभारी इस प्रपत्र को हर माह पावना के साथ बीआरसी पर जमा करेंगे। इस व्यवस्था के पीछे शासन का मानना है इससे अवकाश लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। वहीं फर्जी अवकाश पर लगाम लगेगी। औचक मुआयने के समय अधिकारी इस प्रपत्र की जांच पड़ताल करेंगे। कमी मिलने पर कार्रवाई भी करेंगे। यह व्यवस्था पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 2014-15 में लखीमपुर के बिजुआ ब्लॉक में लागू की गई थी। जहां पर यह प्रयोग काफी सफल रहा।
गैर हाजिर शिक्षकों की हर माह आसानी से जानकारी मिलती रही। इसको देखते हुए शासन ने इसे विस्तार देने का निर्णय लिया है। अब यह व्यवस्था लखनऊ मंडल में जनवरी माह से लागू कर दी गई है।
अवकाश लेने की प्रक्रिया में किया गया बदलाव
अवकाश लेने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है। अब शिक्षक बीईओ के हस्ताक्षर्रयुक्त प्रपत्र के आधार पर ही अवकाश ग्रहण कर सकेंगे। इसको लेकर बीईओ को पत्र जारी किया गया है।
-संजीव कुमार सिंह, बीएसए
लखीमपुर में सफलता के बाद लखनऊ मंडल में लागू हुई व्यवस्था
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शिक्षक इस प्रपत्र को भरकर प्रधानाध्यापक के पास जमा करेंगे। उसके बाद संकुल प्रभारी हर माह बीआरसी पर जमा करेंगे। इसकी इंट्री के लिए अलग से एक रजिस्टर बनाया जाएगा। इससे फर्जी अवकाश पर लगाम लगेगी।
इसे पहले बतौर पायलेट प्रोजेक्ट लखीमपुर जिले में लागू किया गया था। सफलता के बाद अब इसे लखनऊ मंडल में लागू किया गया है। इसे लेकर शासन ने बाकायदा आदेश जारी कर दिया है। पहले परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश लेना बहुत ही आसान था।
वह इसके लिए प्रार्थना पत्र प्रधानाध्यापक के पास जमा कर देते थे। उसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी की जानकारी के बगैर स्कूल से गायब हो जाते थे। इससे ब्लॉक मुख्यालय पर यह नहीं पता चल पाता था कि कितने शिक्षक अवकाश पर हैं। वहीं, अगर इस दौरान औचक मुआयना नहीं हुआ तो शिक्षक उस प्रार्थना पत्र को गायब करके हाजिरी दर्ज कर देते थे। अब इस फर्जी अवकाश पर लगाम लगेगी। अगर शिक्षक अवकाश लेंगे तो उसकी बाकायदा इंट्री की जाएगी। इसको लेकर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक महेंद्र सिंह राणा ने बीएसए को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी अपने हस्ताक्षर से एक प्रपत्र जारी करेंगे। यह प्रपत्र प्रत्येक शिक्षक को दिया जाएगा। अगर शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेते हैं तो उस प्रपत्र को भरना होगा। जिसमें तिथि, दिन सहित कारण स्पष्ट करना होगा। उसके बाद इस प्रपत्र को प्रधानाध्यापक के पास जमा कर दिया जाएगा। प्रधानाध्यापक इसको पत्र व्यवहार रजिस्टर पर अंकित करेंगे। उसके बाद इसको संकुल प्रभारी के पास जमा किया जाएगा। संकुल प्रभारी इस प्रपत्र को हर माह पावना के साथ बीआरसी पर जमा करेंगे। इस व्यवस्था के पीछे शासन का मानना है इससे अवकाश लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। वहीं फर्जी अवकाश पर लगाम लगेगी। औचक मुआयने के समय अधिकारी इस प्रपत्र की जांच पड़ताल करेंगे। कमी मिलने पर कार्रवाई भी करेंगे। यह व्यवस्था पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 2014-15 में लखीमपुर के बिजुआ ब्लॉक में लागू की गई थी। जहां पर यह प्रयोग काफी सफल रहा।
गैर हाजिर शिक्षकों की हर माह आसानी से जानकारी मिलती रही। इसको देखते हुए शासन ने इसे विस्तार देने का निर्णय लिया है। अब यह व्यवस्था लखनऊ मंडल में जनवरी माह से लागू कर दी गई है।
अवकाश लेने की प्रक्रिया में किया गया बदलाव
अवकाश लेने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है। अब शिक्षक बीईओ के हस्ताक्षर्रयुक्त प्रपत्र के आधार पर ही अवकाश ग्रहण कर सकेंगे। इसको लेकर बीईओ को पत्र जारी किया गया है।
-संजीव कुमार सिंह, बीएसए
लखीमपुर में सफलता के बाद लखनऊ मंडल में लागू हुई व्यवस्था
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