चलिए
एक संग़ठन द्वारा प्रस्तावित धरना तो समाप्त हुआ।।। अब टेट संघर्ष मोर्चा
को मंथन करने का समय है की उसकी वास्तविक स्तिथि आखिर क्या है।।। कल टेट के
कुछ नेताओ सदानंद जी शक्ति पाठक जी राकेश यादव जी की विरोधाभासी पोस्ट आई
और तमाम जिलो के नेताओ की अपना ही राग अलापती हुई पोस्ट आई बड़े ही दुःख और
चिंता का विषय है
किसी जिले ने बाकायदा आमंत्रण पत्र भेजकर टेट वालो को आमन्त्रित किया किसी ने केवल फ़ोन पे बुला लिया और किसी ने बुलाया ही नही क्योकि आपके संघठन की कोई रुपरेखा नही है बाकायदा से होता ये है की टेट के सर्वमान्य कार्यकारणी को बाकायदा एक पत्र भेजा जाता है फिर वो कार्यकारणी पुरे प्रदेश के अपने टेट संघठन को निर्देशित करती की उसे क्या करना है और टेट की कार्यकारणी अल्लाहाबाद या लखनऊ में प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ शिरकत करता।।।
पर ऐसा होगा क्यों जब आपका कोई स्वरूप् ही नही है तो लोग आपको बुलाएंगे कैसे।। जिस जिला अध्य्क्ष की जो मर्जी वो कर रहा है।। कल से देख रहा हु गाजी भाई और जीतेन्द्र शाही जी की कोई पोस्ट आज के लिए नही आई।।। खैर बात किसी धरने में जाने आने की नही अपने वजूद को बचाने की है।। कल से मैं देख रहा दोनों सर्वमान्य नेताओ की पोस्ट इस मुद्दे पे नही आई।।। अब लोग कहेगे साहब आपको क्या दिक्कत है हम कही भी जाये। तो वो ठीक है लेकिन जो भी कार्य करे भविष्य को ध्यान में रखते हुए करे।।। मेरा किसी संघठन से कोई दुराभाव नही है लेकिन मैं टेट मोर्चे की अंतिम गिनती सांसो को नही देख पा रहा क्योकि अब आप सहायक अध्यापक है।।। आपकी शिक्षा जगत में स्तिथि और मुद्दे स्पस्ट होने चाहिए और अंत में अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट में आपका मामला लंबित है।। जब तक आप अपनी 72825 की गरिमा और क्षमता को नही आँक पायेगे तब तक शायद ऐसे ही होता रहे।। और अंत में आपका कोई अस्तित्व नही रहेगा।।। आनंद अभिषेक
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किसी जिले ने बाकायदा आमंत्रण पत्र भेजकर टेट वालो को आमन्त्रित किया किसी ने केवल फ़ोन पे बुला लिया और किसी ने बुलाया ही नही क्योकि आपके संघठन की कोई रुपरेखा नही है बाकायदा से होता ये है की टेट के सर्वमान्य कार्यकारणी को बाकायदा एक पत्र भेजा जाता है फिर वो कार्यकारणी पुरे प्रदेश के अपने टेट संघठन को निर्देशित करती की उसे क्या करना है और टेट की कार्यकारणी अल्लाहाबाद या लखनऊ में प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ शिरकत करता।।।
पर ऐसा होगा क्यों जब आपका कोई स्वरूप् ही नही है तो लोग आपको बुलाएंगे कैसे।। जिस जिला अध्य्क्ष की जो मर्जी वो कर रहा है।। कल से देख रहा हु गाजी भाई और जीतेन्द्र शाही जी की कोई पोस्ट आज के लिए नही आई।।। खैर बात किसी धरने में जाने आने की नही अपने वजूद को बचाने की है।। कल से मैं देख रहा दोनों सर्वमान्य नेताओ की पोस्ट इस मुद्दे पे नही आई।।। अब लोग कहेगे साहब आपको क्या दिक्कत है हम कही भी जाये। तो वो ठीक है लेकिन जो भी कार्य करे भविष्य को ध्यान में रखते हुए करे।।। मेरा किसी संघठन से कोई दुराभाव नही है लेकिन मैं टेट मोर्चे की अंतिम गिनती सांसो को नही देख पा रहा क्योकि अब आप सहायक अध्यापक है।।। आपकी शिक्षा जगत में स्तिथि और मुद्दे स्पस्ट होने चाहिए और अंत में अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट में आपका मामला लंबित है।। जब तक आप अपनी 72825 की गरिमा और क्षमता को नही आँक पायेगे तब तक शायद ऐसे ही होता रहे।। और अंत में आपका कोई अस्तित्व नही रहेगा।।। आनंद अभिषेक
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