समाज कल्याण विभाग से गरीब बच्चों के लिए संचालित प्रदेश के सभी 87 आश्रम
पद्धति विद्यालय अब नवोदय विद्यालय के पैटर्न पर सीबीएसई बोर्ड के अधीन
होंगे। इन विद्यालयों में एक अप्रैल 16 से लागू होने वाले
नए पैटर्न की तर्ज पर कक्षा 6 से 9 तक के नए दाखिले होंगे।
हालांकि इन स्कूलों में अब कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई नहीं होगी। केवल छह से 10 तक की पढ़ाई होगी। अगले सत्रों में कक्षा पांच से नीचे की एक-एक कक्षाएं हर साल बंद हो जाएगी। प्रमुख सचिव आलोक रंजन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, सभी मंडलायुक्त व सभी डीएम को पत्र जारी कर समाज कल्याण-जनजाति विकास विभाग उत्तर प्रदेश से संचालित आश्रम पद्धति आवासीय स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कर दाखिले के दिशा निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने जारी शासनादेश में कहा कि अब आश्रम पद्धति विद्यालयों को नवोदय विद्यालय के पैटर्न पर विकसित किए जाने और सीबीएसई के अधीन किए जाने के क्रम में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी।185 प्रतिशत ग्रामीण बच्चों को मिलेगा मौका : सीबीएसई पैटर्न लागू होने के बाद उक्त सभी विद्यालयों में प्राथमिक स्कूलों के कक्षा 5 के उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को कक्षा 6 में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मौका मिलेगा। वैसे इसमें 85 प्रतिशत दाखिले ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित प्राथमिक विद्यालयों के मेधावी बच्चों के होंगे।1इन जिलों में हैं आश्रम पद्धति स्कूल :बुलंदशहर, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, हापुड़, आगरा, लखनऊ, कानपुर नगर, अमेठी, अंबेडकरनगर, खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, मैनपुरी, फीरोजाबाद, इलाहाबाद, इटावा, कौशांबी, प्रतापगढ़, गोरखपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, जालौन, झांसी, ललितपुर, गोंडा, फैजाबाद,बाराबंकी, बरेली, हरदोई, रायबरेली, मीरजापुर, वाराणसी, फरुखाबाद, सुल्तानपुर, चंदौली, सोनभद्र, आजमगढ़, बलिया जिलों में 87 स्कूल संचालित हैं।
हालांकि इन स्कूलों में अब कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई नहीं होगी। केवल छह से 10 तक की पढ़ाई होगी। अगले सत्रों में कक्षा पांच से नीचे की एक-एक कक्षाएं हर साल बंद हो जाएगी। प्रमुख सचिव आलोक रंजन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, सभी मंडलायुक्त व सभी डीएम को पत्र जारी कर समाज कल्याण-जनजाति विकास विभाग उत्तर प्रदेश से संचालित आश्रम पद्धति आवासीय स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कर दाखिले के दिशा निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने जारी शासनादेश में कहा कि अब आश्रम पद्धति विद्यालयों को नवोदय विद्यालय के पैटर्न पर विकसित किए जाने और सीबीएसई के अधीन किए जाने के क्रम में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी।185 प्रतिशत ग्रामीण बच्चों को मिलेगा मौका : सीबीएसई पैटर्न लागू होने के बाद उक्त सभी विद्यालयों में प्राथमिक स्कूलों के कक्षा 5 के उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को कक्षा 6 में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मौका मिलेगा। वैसे इसमें 85 प्रतिशत दाखिले ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित प्राथमिक विद्यालयों के मेधावी बच्चों के होंगे।1इन जिलों में हैं आश्रम पद्धति स्कूल :बुलंदशहर, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, हापुड़, आगरा, लखनऊ, कानपुर नगर, अमेठी, अंबेडकरनगर, खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, मैनपुरी, फीरोजाबाद, इलाहाबाद, इटावा, कौशांबी, प्रतापगढ़, गोरखपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, जालौन, झांसी, ललितपुर, गोंडा, फैजाबाद,बाराबंकी, बरेली, हरदोई, रायबरेली, मीरजापुर, वाराणसी, फरुखाबाद, सुल्तानपुर, चंदौली, सोनभद्र, आजमगढ़, बलिया जिलों में 87 स्कूल संचालित हैं।
आश्रम पद्धति स्कूलों में सीबीएसई की तरह दाखिले के लिए
14 फरवरी को प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। -सुमन कुमार, जिला समाज
कल्याण अधिकारी व नोडल आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालय बदनौरा।