मास्टर जी की मर्जी के आगे हर कोई बेबस है। जब मन हुआ स्कूल गए और नहीं तो
घर पर ही आराम फरमा रहे हैं। विद्यालय खुलने का समय कोई भी हो, पर स्कूल तो
उनके हिसाब से चलता है। स्कूल की चौखट पर पैर
रखते ही पिछले दिनों के हस्ताक्षर कर तनख्वाह पक्की करने में देर नहीं लगाते।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति का कुछ यही ढर्रा चल रहा है, लेकिन अब स्कूल से गैर हाजिर रहना तो दूर, लेट लतीफी भी भारी पड़ने वाली है। लंबे समय से हाशिए पर चल रही सरकारी शिक्षा को अब कम्प्यूटरीकृत अनुश्रवण प्रणाली के जरिए एनआईसी द्वारा विकसित ‘उपस्थिति माड्यूल’ से संवारा जाएगा। विद्यालय खुलने के दो घंटे बाद हर स्कूल की छात्र उपस्थिति वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इसके लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों के स्कूलवार व छात्रवार डाटा के आन लाइन सत्यापन का कार्य एनआईसी में शुरू हो गया है। इस व्यवस्था में परिषदीय स्कूल खुलने के एक घंटे के अंदर एनआईसी के पोर्टल पर अध्यापकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से अनुपस्थित छात्रों के रोल नंबर भेजे जाएंगे। निर्धारित समय के बाद और दो घंटे के भीतर अनुपस्थिति देने पर छात्र विवरण तो माड्यूल में स्वीकार हो जाएगा, लेकिन स्कूल डिफाल्टर सूची में चला जाएगा। ऐसे शिक्षकों को पहले दिन चेतावनी दी जाएगी। चेतावनी के बाद हर डिफाल्टर दिवस पर प्रधानाध्यापक को 100 रुपये व शिक्षक पर 50 रुपये का जुर्माना लगेगा। इसकी सूचना संबंधित अध्यापक को कम्प्यूटरीकृत एसएमएस से उसी दिन दी जाएगी। बीएसए, सीडीओ व जिलाधिकारी को भी डिफाल्टर विद्यालय की सूचना मिलेगी। दो घंटे बाद छात्र अनुपस्थिति भेजने वाले शिक्षकों व प्रधानाध्यापक की उस दिन की वेतन कटौती तो होगी ही, पांच डिफाल्टर दिवसों पर नोटिस व विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
एसएमएस भेजने का मिलेगा खर्चा
अध्यापकों द्वारा भेजे जाने वाले एसएमएस पर व्यय का वहन 2015-16 में समाज कल्याण विभाग व 2016-17 में बेसिक शिक्षा विभाग के बजट से होगा। 1उपस्थिति का भौतिक सत्यापन भी
प्रत्येक दिन स्कूल खुलने के दो घंटे के बाद हर विद्यालय की उस दिन की उपस्थिति पंजिका वेबसाइट पर आ जाएगी। एसएमएस भेजने वाले शिक्षकों के नाम भी प्रदर्शित होंगे। खंड शिक्षा अधिकारी हर दिन कम से कम दो स्कूलों में जाकर वेबसाइट की उपस्थिति पंजिका के ¨पट्र आउट से मौके पर मिले शिक्षकों व छात्रों का सत्यापन करेंगे। सायं 6 बजे तक वह आन लाइन रिपोर्ट अंकित करेंगे। जिलाधिकारी व अन्य जनपदीय अधिकारी भी सत्यापन करेंगे। स्थलीय निरीक्षण व वेबसाइट की हाजिरी में अंतर होने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी। जिन स्कूलों के शिक्षकों की 90 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति होगी। उन विद्यालयों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
एसएमएस प्रक्रिया के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर से एनआईसी में डाटा का सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद उपस्थिति माड्यूल से छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति की कंप्यूटरीकरण अनुश्रवण व्यवस्था लागू ही।1 -बेगीश गोयल, नगर शिक्षा अधिकारी
रखते ही पिछले दिनों के हस्ताक्षर कर तनख्वाह पक्की करने में देर नहीं लगाते।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति का कुछ यही ढर्रा चल रहा है, लेकिन अब स्कूल से गैर हाजिर रहना तो दूर, लेट लतीफी भी भारी पड़ने वाली है। लंबे समय से हाशिए पर चल रही सरकारी शिक्षा को अब कम्प्यूटरीकृत अनुश्रवण प्रणाली के जरिए एनआईसी द्वारा विकसित ‘उपस्थिति माड्यूल’ से संवारा जाएगा। विद्यालय खुलने के दो घंटे बाद हर स्कूल की छात्र उपस्थिति वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इसके लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों के स्कूलवार व छात्रवार डाटा के आन लाइन सत्यापन का कार्य एनआईसी में शुरू हो गया है। इस व्यवस्था में परिषदीय स्कूल खुलने के एक घंटे के अंदर एनआईसी के पोर्टल पर अध्यापकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से अनुपस्थित छात्रों के रोल नंबर भेजे जाएंगे। निर्धारित समय के बाद और दो घंटे के भीतर अनुपस्थिति देने पर छात्र विवरण तो माड्यूल में स्वीकार हो जाएगा, लेकिन स्कूल डिफाल्टर सूची में चला जाएगा। ऐसे शिक्षकों को पहले दिन चेतावनी दी जाएगी। चेतावनी के बाद हर डिफाल्टर दिवस पर प्रधानाध्यापक को 100 रुपये व शिक्षक पर 50 रुपये का जुर्माना लगेगा। इसकी सूचना संबंधित अध्यापक को कम्प्यूटरीकृत एसएमएस से उसी दिन दी जाएगी। बीएसए, सीडीओ व जिलाधिकारी को भी डिफाल्टर विद्यालय की सूचना मिलेगी। दो घंटे बाद छात्र अनुपस्थिति भेजने वाले शिक्षकों व प्रधानाध्यापक की उस दिन की वेतन कटौती तो होगी ही, पांच डिफाल्टर दिवसों पर नोटिस व विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
एसएमएस भेजने का मिलेगा खर्चा
अध्यापकों द्वारा भेजे जाने वाले एसएमएस पर व्यय का वहन 2015-16 में समाज कल्याण विभाग व 2016-17 में बेसिक शिक्षा विभाग के बजट से होगा। 1उपस्थिति का भौतिक सत्यापन भी
प्रत्येक दिन स्कूल खुलने के दो घंटे के बाद हर विद्यालय की उस दिन की उपस्थिति पंजिका वेबसाइट पर आ जाएगी। एसएमएस भेजने वाले शिक्षकों के नाम भी प्रदर्शित होंगे। खंड शिक्षा अधिकारी हर दिन कम से कम दो स्कूलों में जाकर वेबसाइट की उपस्थिति पंजिका के ¨पट्र आउट से मौके पर मिले शिक्षकों व छात्रों का सत्यापन करेंगे। सायं 6 बजे तक वह आन लाइन रिपोर्ट अंकित करेंगे। जिलाधिकारी व अन्य जनपदीय अधिकारी भी सत्यापन करेंगे। स्थलीय निरीक्षण व वेबसाइट की हाजिरी में अंतर होने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी। जिन स्कूलों के शिक्षकों की 90 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति होगी। उन विद्यालयों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
एसएमएस प्रक्रिया के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर से एनआईसी में डाटा का सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद उपस्थिति माड्यूल से छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति की कंप्यूटरीकरण अनुश्रवण व्यवस्था लागू ही।1 -बेगीश गोयल, नगर शिक्षा अधिकारी