गैर जनपदों से स्थानांतरित होकर आए 23 शिक्षकों को जॉइन
नहीं करने पर बीएसए ने कारण बताओ नोटिस दिया है। साथ ही सभी शिक्षकों के
नाम कार्यालय में चस्पा करा दिये हैं। इन सभी शिक्षकों ने मेडिकल दे रखा
है।
बीएसए जीएस निरंजन का कहना है कि यदि शिक्षकों ने
समय से जवाब नहीं दिया, तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शिक्षकों की
ओर से दिए गए मेडिकल प्रमाणपत्र की भी जांच कराई जाएगी।
जिले में गैर जनपद से 161 शिक्षक स्थानांतरित होकर आए थे। शिक्षकों को मनचाहे स्कूल न मिलने पर ज्यादातर ने 22 सितंबर को जॉइन करने से पहले बीएसए कार्यालय में मेडिकल देकर चिकित्सीय अवकाश ले लिया।
संशोधन कराने के लिए खूब दांव पेच भी लगाए। यहां तक सत्तादारी दल के नेताओं का भी सहारा लिया, लेकिन बात नहीं बनी। इसी बीच 23 शिक्षक 3 अक्तूबर को डीएम कार्यालय पहुंच गए। शिक्षकों ने संशोधन करने की गुहार डीएम से लगाई।
बताते है कि मामले में डीएम ने बीएसए से पूछताछ कर जवाब मांग लिया। इस पर बीएसए ने कार्यालय में गैर जनपदों से आए शिक्षकों के दिए मेडिकल को देखते हुए सभी 23 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
इसमें लिखा कि आपने बीएसए कार्यालय में मेडिकल दिया है और डीएम कार्यालय में स्वयं की उपस्थिति दर्ज कराके उच्चाधिकारियों को भ्रमित किया है। जिससे ये सिद्ध होता है कि आप सभी अस्वस्थ नहीं है। सभी को तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब दें।
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जिले में गैर जनपद से 161 शिक्षक स्थानांतरित होकर आए थे। शिक्षकों को मनचाहे स्कूल न मिलने पर ज्यादातर ने 22 सितंबर को जॉइन करने से पहले बीएसए कार्यालय में मेडिकल देकर चिकित्सीय अवकाश ले लिया।
संशोधन कराने के लिए खूब दांव पेच भी लगाए। यहां तक सत्तादारी दल के नेताओं का भी सहारा लिया, लेकिन बात नहीं बनी। इसी बीच 23 शिक्षक 3 अक्तूबर को डीएम कार्यालय पहुंच गए। शिक्षकों ने संशोधन करने की गुहार डीएम से लगाई।
बताते है कि मामले में डीएम ने बीएसए से पूछताछ कर जवाब मांग लिया। इस पर बीएसए ने कार्यालय में गैर जनपदों से आए शिक्षकों के दिए मेडिकल को देखते हुए सभी 23 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
इसमें लिखा कि आपने बीएसए कार्यालय में मेडिकल दिया है और डीएम कार्यालय में स्वयं की उपस्थिति दर्ज कराके उच्चाधिकारियों को भ्रमित किया है। जिससे ये सिद्ध होता है कि आप सभी अस्वस्थ नहीं है। सभी को तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब दें।