ब्यूरो/अमर उजाला, अमरोहा प्रमाण पत्रों के सत्यापन में यह खुलासा हुआ है, जिसके बाद से विभागीय अफसरों में खलबली मची है। अधिकतर डिग्रियां संपूर्णानंद विश्वविद्यालय बनारस की बताई जा रही है। तेजी के साथ पड़ताल चल रही है। इधर बीएसए ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी किया है, जिसके बाद विभाग द्वारा उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
आगरा, लखनऊ व संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड, बीटीसी की डिग्रियां हासिल कर तमाम शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाई है। सूबे के कई जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शासन ने उपरोक्त विश्वविद्यालयों की डिग्रियों की जांच के आदेश दिए हैं। जनपद में शिक्षकों की डिग्रियों के सत्यापन की कार्रवाई चल रही है, जिसमें करीब दर्जन भर शिक्षक फंस गए हैं। जांच के दौरान उनकी डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। फर्जीवाड़े का खेल खुलते ही अफसरों में हड़कंप मचा है।
शिक्षक नेता भी हैरान हैं। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी से जिन शिक्षकों की जांच आ गई है, उनमें कुछ नए व कुछ पुराने शिक्षक हैं। कई साल से वह विभाग में ड्यूटी बजा रहे हैं। हालांकि अपनी शंका को दूर करने के लिए अफसर जहां दोबारा से विश्वविद्यालय में जाकर उनका रिकार्ड खंगलवा रहे हैं, वहीं उन पर कार्रवाई भी छेड़ दी है। फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बने लोगों को बीएसए द्वारा खामोशी के साथ नोटिस जारी कर दिया गया है। इसमें उनसे जवाब मांगा गया है। तत्पश्चात उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
माध्यमिक कालेजों में भी पकड़े गए थे फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी के मामले
अमरोहा। शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्रियों पर शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी ऐसा मामला पकड़ा गया था। जनपद के माध्यमिक कालेजों में तैनात 15 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी। यह फर्जीवाड़ा उस समय पकड़ा गया था जब संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से उनके प्रमाण पत्रों व डिग्रियों की जांच कराई जा रही थी। खेल खुलते ही शिक्षक फरार हो गए थे। हालांकि अफसरों ने उनके खिलाफ मुरादाबाद में रिपोर्ट लिखाई थी।
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आगरा, लखनऊ व संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड, बीटीसी की डिग्रियां हासिल कर तमाम शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाई है। सूबे के कई जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शासन ने उपरोक्त विश्वविद्यालयों की डिग्रियों की जांच के आदेश दिए हैं। जनपद में शिक्षकों की डिग्रियों के सत्यापन की कार्रवाई चल रही है, जिसमें करीब दर्जन भर शिक्षक फंस गए हैं। जांच के दौरान उनकी डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। फर्जीवाड़े का खेल खुलते ही अफसरों में हड़कंप मचा है।
शिक्षक नेता भी हैरान हैं। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी से जिन शिक्षकों की जांच आ गई है, उनमें कुछ नए व कुछ पुराने शिक्षक हैं। कई साल से वह विभाग में ड्यूटी बजा रहे हैं। हालांकि अपनी शंका को दूर करने के लिए अफसर जहां दोबारा से विश्वविद्यालय में जाकर उनका रिकार्ड खंगलवा रहे हैं, वहीं उन पर कार्रवाई भी छेड़ दी है। फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बने लोगों को बीएसए द्वारा खामोशी के साथ नोटिस जारी कर दिया गया है। इसमें उनसे जवाब मांगा गया है। तत्पश्चात उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
माध्यमिक कालेजों में भी पकड़े गए थे फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी के मामले
अमरोहा। शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्रियों पर शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी ऐसा मामला पकड़ा गया था। जनपद के माध्यमिक कालेजों में तैनात 15 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी। यह फर्जीवाड़ा उस समय पकड़ा गया था जब संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से उनके प्रमाण पत्रों व डिग्रियों की जांच कराई जा रही थी। खेल खुलते ही शिक्षक फरार हो गए थे। हालांकि अफसरों ने उनके खिलाफ मुरादाबाद में रिपोर्ट लिखाई थी।
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