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सच का सामना - शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद टीईटी पास बीएड, बीटीसी आदि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बेरोजगारों को नौकरी की उम्मीद

इलाहाबाद, वरिष्ठ संवाददाता शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद टीईटी पास बीएड, बीटीसी आदि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बेरोजगारों को नौकरी की उम्मीद हो गई है।
उत्तर प्रदेश में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) कानून लागू होने के बावजूद शिक्षकों की कमी का हवाला देते हुए इन बेरोजगार ने भारी संख्या में खाली पदों पर भर्ती के लिए सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका कर रखी है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में 27 जुलाई 2011 को आरटीई लागू हुआ। तत्कालीन मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने मई 2013 की अपनी रिपोर्ट में प्रदेश में 2.7 लाख अध्यापकों के पद खाली होने की बात कही थी। उसके बाद से अब तक विभिन्न भर्तियों में 18,127 सहायक अध्यापकों और 58 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों (कुल 76 हजार) की भर्ती हुई है।
2012 से चार साल में लगभग एक लाख शिक्षक रिटायर हो गए।
यानि 2.70 लाख खाली पदों के सापेक्ष स्कूलों को वास्तव में 26 हजार शिक्षक ही मिल सके। जबकि 2011-12 में स्वीकृत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 22,855 पद हाल ही में बढ़ाए गए हैं। इस लिहाज से वर्तमान में सरकारी स्कूलों में कुल 2.65 लाख पद खाली हैं। टीईटी-11 में पास 2.92 लाख बीएड अभ्यर्थी और 58 हजार बीटीसी प्रशिक्षु इन पदों पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।
हालाँकि उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व बेसिक शिक्षा सेक्रेटरी श्री हीरालाल गुप्ता जी के द्वारा दायर किये गए हलफनामा में यह स्वीकार किया गया है कि उत्तर प्रदेश में कुल 4 लाख 86 हज़ार 186 पद अब भी खाली हैं।ऐसे में इतने बड़े पैमाने पे तादाद बीएड टेट 11 पास योग्य बेरोजगारों को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति मिलने के चांसेज प्रबल हो गए हैं।
पिछले साल दिसम्बर माह में सुप्रीम कोर्ट ने 72825 भर्ती की सुनवाई करते हुये जस्टिस दीपक मिश्रा जी के बेंच ने टेट अभ्यर्थियों के वकीलों के दलीलों पे सुनवाई करते हुए 1100 याचियों को एडहॉक पे नियुक्ति देने का आदेश किये थे।ऐसे में इस भर्ती के पाँच साल से चली आ रही क़ानूनी अड़चन की बाधा को अब आरटीई-09 से दूर करने का एक सफलतम प्रयास किया जा रहा है सुप्रीम कोर्ट से।आप को बताते चलें इस आदेश से एडहॉक पे पाये हुए लाभान्वित अभ्यर्थियों के समरूप दिनाँक 24 फरवरी 16 को इसी बेंच के जस्टिस दीपक मिश्रा एवं जस्टिस शिव कीर्ति सिंह ने एक बार फिर योग्य बेरोज़गार टेट 11 बीएड टेट पास अभ्यर्थियों के लिए एक राहत भरी उम्मीद अपने अंतरिम आदेशों में दिशानिर्देशित किये थे। जिसमे उन तमाम योग्य अभ्यर्थियों को मौका मिलने जा रहा है जो किसी कारणवश वे इस भर्ती में नियुक्ति नहीं हो पाये थे।बेसिक विभाग के एक अफसर ने नाम न उजागर करने के शर्त पे ये कहे हैं कि कहीं न कहीं योग्यता बनाम अयोग्यता के आधार पे इस भर्ती को अमलीजामा पहनाया जा रहा है प्रदेश सरकार को ये डर है कि शिक्षा मित्र की समायोजित सीटों का विकल्प कहीं दूसरे माध्यम से पूरा कराया जा रहा है।हालाँकि टेट 72825 भर्ती मामला और शिक्षा मित्र समायोजित मामलों को अगली सुनवाई में अलग -अलग डेट पे रखा गया है।


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