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एक आरटीआई की कीमत पड़ रही 5 लाख रुपये

बरेली में बेसिक शिक्षा विभाग को एक जनसूचना देने में पांच लाख रुपये खर्च करने होंगे। असल में नैनीताल रोड निवासी मनोज विकट ने 20 अप्रैल 2016  को एक आरटीआई डाली थी। आरटीआई के जरिए मनोज ने वर्ष 2010 से अभी तक पढ़ रहे छात्रों का पूरा ब्यौरा मांगा है।
बरेली में वर्ष 2010 से अभी तक बेसिक स्कूलों में लगभग 22 लाख बच्चे पढ़ चुके हैं। इन बच्चों से जुड़ी जानकारी प्रिंट करवा कर देने में विभाग को लगभग पांच लाख रुपये खर्च करने होंगे। विभाग ने पहले तो ध्यान नहीं दिया। जब सूचना मांगे एक महीना पूरा  होने को आया तो सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी कर दिया। यह पत्र जारी करते वक्त खर्चे का ध्यान ही नहीं रखा गया।

जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गंगवार, राजपाल सिंह आदि ने यह मामला बीएसए ऐश्वर्या लक्ष्मी यादव के सामने उठाया। बीएसए ने मामले का अध्ययन करने के बाद सूचना मांगने वाले मनोज विकट से ही प्रति पेज दो रुपये उपलब्ध कराने की बात कही। मगर विभाग यह बात भूल ही गया कि एक महीने तक सूचना नहीं देने पर खुद विभाग को ही प्रिंटिंग का खर्चा उठाना पड़ता है।
20 मई को यह समय-सीमा पूरी हो जाएगी। और विभाग अभी तक मनोज विकट को पत्र जारी भी नहीं कर पाया है। उधर, शिक्षक संघ ने ऐलान कर दिया है कि जब तक विभाग पैसा नहीं देता है, वो अपने स्तर से कोई सूचना नहीं देंगे।
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