सूबे के 50 हजार दलित शिक्षकों की रिवर्सन सूची इसी माह जारी करने के विरोध प्रदर्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दलित शिक्षकों के रिवर्सन मामले में
बेसिक शिक्षा निदेशालय बैक फुट पर आ गया है। आरक्षण समर्थकों के भारी विरोध
प्रर्दशन के बीच मंगलवार को निदेशक शिक्षा पिछले दरवाजे से भाग गए। अपर
निदेशक बेसिक शिक्षा रूबी सिंह ने वार्ता कर आरक्षण बचाओ
संघर्ष समिति को
यह आश्वासन दिया कि जब तक समिति द्वारा बैकलाग पदोन्नति अधिनियम 1994 पर
उप्र शासन से अभिमत नहीं प्राप्त कर लिया जाएगा तब तक जल्दबाजी में 50 हजार
दलित अध्यापकों का रिवर्सन नहीं किया जाएगा और साथ ही निदेशालय से जिलों
को यह निर्देश दिए जा रहे हैं कि दलित शिक्षकों की ओर से बेसिक शिक्षा
अधिकारियों को सौंपे जा रहे प्रत्यावेदनों के निस्तारण के बाद ही होगी
रिवर्सन की कार्रवाई होगी।
वार्ता के बाद श्रीमती सिंह ने प्रदर्शन कर रहे हजारों दलित
शिक्षकों से बात कर संघर्ष समिति का ज्ञापन प्राप्त किया और इसके बाद
संघर्ष समिति के संयोजकों ने दोपहर एक बजे प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा
की।उप्र के 50 हजार दलित शिक्षकों को गलत तरीके से रिवर्ट किए जाने के लिए
पूरे प्रदेश में तैयार की जा रही रिवर्सन सूची को इसी महीने जारी किए जाने
के विरोध में मंगलवार को हजारों की संख्या में शिक्षकों ने निदेशक बेसिक
शिक्षा कार्यालय निशातगंज में डेरा डाल दिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल ने किया।
आरक्षण समर्थक शिक्षकों ने निदेशक बेसिक शिक्षा के खिलाफ दलित
शिक्षकों का अनावश्यक उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए आर-पार की लड़ाई का
ऐलान कर दिया। कार्यालय जाम करते ही निदेशक बेसिक शिक्षा पिछले रास्ते से
भाग गए। उनके निर्देश पर अपर निदेशक बेसिक शिक्षा रूबी सिंह के साथ समिति
के पदाधिकारियों की लंबी वार्ता के बाद मामला शांत हुआ। संघर्ष समिति के
संयोजकों ने उपस्थित दलित शिक्षकों को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि अपर
निदेशकए बेसिक शिक्षा द्वारा दलित शिक्षकों को शासन से विधिक मत लिए बिना
रिवर्ट न करने की घोषणा की है। यदि इसके बावजूद किसी भी जिले में दलित
शिक्षक का रिवर्सन किया गया तो उसी क्षण पूरे प्रदेश के दो लाख दलित शिक्षक
हड़ताल पर चले जाऐंगे।