हरदोई। जिले की टीईटी प्रशिक्षु की भर्ती में फर्जी रुप से नौकरी पाने
वाले सैकड़ों में है। एसआईटी की जांच में लगभग दो सैकड़ा प्रशिक्षु टीचर
कार्रवाई की जद में आ सकते है। इसकी जांच शासन स्तर से शुरू हो चुकी है।
वहीं जिन प्रशिक्षु टीचरों को अभी तक चिह्नित किया जा चुका है उनको बचाने
की मुहिम भी तेज हो गई।
प्रशिक्षु टीचरों के भर्ती में हुए गोलमाल से विभाग में खलबली मची हुई है। सभी अपने को बचाने में लगे हुए है।
बताते चले कि जिले में 3000 पदों पर टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों को प्रशिक्षु शिक्षक पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिले में 3000 के सापेक्ष 2518 पदों पर चयन किया जा चुका है। इन टीचरों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा था। जिसमें पहले चरण में तीन प्रशिक्षु टीचर के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी मिली थी जिनकी एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके बाद 14 संग्दिध मिले । जिसमें आठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। छह के अभिलेख तलाश किए जा रहे है। इसके अलावा 18 अन्य के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए थे। जिनकी जांच की जा रही थी। प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिलने पर 18 प्रशिक्षु टीचरों के प्रशिक्षण पर रोक लगा दी गई है।
जिले में अभी तक 35 टीचर चिह्नित हो चुके है। मगर विभागीय सूत्रों की मानेें तो ऐसे प्रशिक्षु टीचरोें की संख्या सैकड़ों में है। शासन स्तर पर शुरू हुई एसआईटी की जांच अगर सही तरीके से हुई तो उसकी आंच जिले में भी आ सकती है और यहां के कई टीचरों पर कार्रवाई होना तय है। वहीं जिले में एसआईटी के रडार में परिषदीय विद्यालयों में तैनात 358 शिक्षक ऐसे है । जिन्होंने आगरा विश्व विद्यालय से स्नातक अथवा बीएड की डिग्री प्राप्त की है। इनमें से वर्ष 2007 के 153 और वर्ष 2008 के 205 शिक्षक शामिल है। इसके अतिरिक्त जूनियर विद्यालयों में गणित विज्ञान के टीचरों के प्रमाण पत्रों की अगर विधिवत जांच हुई तो उसमें भी कई टीचर नप सकते है। जिले में टीचरों की भर्ती की जांच में फर्जीवाड़े की एक बड़ी संख्या निकल कर सामने आ सकती है। इससे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षु टीचरों के जो संदिग्ध नाम सामने आए है उनको बचाने की कवायद शुरू हो गई। उनको बचाने के लिए विभागीय लोग पूरी शिद्दत से लग गए है। इससे विभाग में इन दिनों चर्चाओं का दौर जारी है। वहीं बीएसए डॉ. बृजेश मिश्र ने बताया कि सभी का सत्यापन गंभीरता से कराया जा रहा है। इससे जो भी गड़बड़ी मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
प्रशिक्षु टीचरों के भर्ती में हुए गोलमाल से विभाग में खलबली मची हुई है। सभी अपने को बचाने में लगे हुए है।
बताते चले कि जिले में 3000 पदों पर टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों को प्रशिक्षु शिक्षक पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिले में 3000 के सापेक्ष 2518 पदों पर चयन किया जा चुका है। इन टीचरों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा था। जिसमें पहले चरण में तीन प्रशिक्षु टीचर के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी मिली थी जिनकी एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके बाद 14 संग्दिध मिले । जिसमें आठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। छह के अभिलेख तलाश किए जा रहे है। इसके अलावा 18 अन्य के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए थे। जिनकी जांच की जा रही थी। प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिलने पर 18 प्रशिक्षु टीचरों के प्रशिक्षण पर रोक लगा दी गई है।
जिले में अभी तक 35 टीचर चिह्नित हो चुके है। मगर विभागीय सूत्रों की मानेें तो ऐसे प्रशिक्षु टीचरोें की संख्या सैकड़ों में है। शासन स्तर पर शुरू हुई एसआईटी की जांच अगर सही तरीके से हुई तो उसकी आंच जिले में भी आ सकती है और यहां के कई टीचरों पर कार्रवाई होना तय है। वहीं जिले में एसआईटी के रडार में परिषदीय विद्यालयों में तैनात 358 शिक्षक ऐसे है । जिन्होंने आगरा विश्व विद्यालय से स्नातक अथवा बीएड की डिग्री प्राप्त की है। इनमें से वर्ष 2007 के 153 और वर्ष 2008 के 205 शिक्षक शामिल है। इसके अतिरिक्त जूनियर विद्यालयों में गणित विज्ञान के टीचरों के प्रमाण पत्रों की अगर विधिवत जांच हुई तो उसमें भी कई टीचर नप सकते है। जिले में टीचरों की भर्ती की जांच में फर्जीवाड़े की एक बड़ी संख्या निकल कर सामने आ सकती है। इससे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षु टीचरों के जो संदिग्ध नाम सामने आए है उनको बचाने की कवायद शुरू हो गई। उनको बचाने के लिए विभागीय लोग पूरी शिद्दत से लग गए है। इससे विभाग में इन दिनों चर्चाओं का दौर जारी है। वहीं बीएसए डॉ. बृजेश मिश्र ने बताया कि सभी का सत्यापन गंभीरता से कराया जा रहा है। इससे जो भी गड़बड़ी मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।