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मात्र 1 दिन , निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर होगी वहस

मा० सुप्रीमकोर्ट में 07 और 08-दिसम्बर की बहुप्रतीक्षत व् निर्णायक सुनवाई में आज से मात्र 1 दिन शेष है किन्तु पिछले दो सप्ताह से हम सभी अपनी मौलिक नियुक्ति, परीक्षा आदि में ही व्यस्त हैं जबकि 7 व् 8 दिसम्बर की सुनवाई की मुकम्मल तैयारी करना भी अति महत्वपूर्ण है.
साथियो आप सभी भलीभांति अवगत हैं कि हमारी नियुक्ति मा० सुप्रीमकोर्ट के अंतरिम अदेशों 25/03/2014 तथा 17/12/2014 के अधीन हुई है अतः हम सभी की जिम्मेदारी के साथ साथ मजबूरी भी है कि 07 और 08-दिसम्बर की बहुप्रतीक्षत, महत्वपूर्ण व् निर्णायक सुनवाई में कम से कम दो सीनियर एडवोकेट्स हमारा पक्ष रखने के लिए मा० सुप्रीमकोर्ट में अवश्य उपस्थित रहें और मा० सुप्रीमकोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश पर ही 30/11/2011 की विज्ञप्ति के अनुरूप ही अंतिम आदेश पारित हो सके और 30/11/2011 की विज्ञप्ति में कोई भी बदलाव की संभावना न रहे और अगर 30/11/2011 की विज्ञप्ति में लेशमात्र भी बदलाव हुआ तो ये समझना मुश्किल नही है कि चयन पा चुके कितने साथियों और उनके परिवारों का भविष्य अंधकारमय होगा........, चाहे वो टेट मेरिट का मुद्दा हो या फिर महिला-पुरुष और कला-विज्ञान के आरक्षण का मुद्दा......!!!!

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आप सभी की जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि हमारी टीम जिसमे सुजीत भाई, अनिल वर्मा भाई, सदानंद भाई, अवनीश भाई, संतोष प्रजापति भाई के साथ मैं और प्रदेश से कई सक्रीय साथी पिछली दो सुनवाई से सीनियर एडवोकेट श्री विकास सिंह जी के माध्यम से लगातार प्रयासरत थे कि मा० सुप्रीमकोर्ट द्वारा काउन्सिलिंग में सभी वर्गों को 5% की और छूट दी जाये जिससे 30/11/2011 की विज्ञप्ति के अनुरूप 72825 पदों पर नियुक्ति हो जाये और 20/11/2013 को मा० हाईकोर्ट इलाहाबाद की खंडपीठ द्वारा पारित आदेश को सही मानते हुए मा० सुप्रीमकोर्ट द्वारा भी हमारा केस में अंतिम आदेश पारित कर दिया जाये, जिसपर पिछली सुनवाई में अकेडमिक पक्ष के वकील द्वारा भी अंतिम सुनवाई के लिए अपील की गयी जिसे कोर्ट में स्वीकार करते हुए अंतिम सुनवाई हेतु 07 और 08-दिसम्बर की तारीख तय की है जिसमे निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर वहस होगी.............
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1. Whether the NCTE Guidelines fixing qualification are arbitrary and unreasonable?
एनसीटीई गाइडलाइन्स जो कि क्वालिफिकेशन फिक्स कर रही है क्या वो गलत है या अतार्किक है ।

2. The minimum Whether the marks obtained in the TET Examination is the sole criterion for filling up the vacancies?
क्या टीईटी क्वालिटी पॉइंट्स क्राइटेरिया हो सकता है है नियुक्त करने का ?

3. Whether the High Court is justified in declaring the 15th Amendment brought in on 31.08.2012 to the U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981?
क्या हाई कोर्ट ने 15वा संशोधन बेसिक शिक्षा नियमावली का 1981अल्ट्रा वायरस जो किया है क्या वह तार्किक है (सही तरीके से किया है ) इस मुद्दे पर व्याख्या होगी ?

4. Assuming, the guidelines framed by the NCTE are treated as intra vires, the question will be what interpretation would be placed by the Court on the concept of weightage as mentioned in the guidelines of the NCTE?
जो गाइडलाइन्स एनसीटीई ने बनाई है क्या वो विधिक अनुसार सही है और प्रश्न ये है एनसीटीई द्वारा कही गई भारांक की बात पर व्याख्या होगी...?
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साथियो पिछली 02-नवम्बर की सुनवाई में विकास सिंह सर की फीस की व्यवस्था नहीं होने की दशा में हमें व्यक्तिगत रूप से 1.2 लाख रु० का भुगतान करना पड़ा था जिसमे 40 हज़ार रु० का दिया हुआ वो बैंक चेक भी शामिल था जो मेरे बैंक खाता में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण बाउंस हो गया था. बाद में सुजीत भाई द्वारा 15000/-, व् संतोष प्रजापति भाई द्वारा 10000/- के सहयोग से अब तक 30000/- रूपये ही, बाउंस चेक की प्रतिपूर्ति में प्रशांत शुक्ला जी, दिल्ली को भेज पाया हूँ. पिछली 02-नवम्बर की सुनवाई के लेनदेन का विस्तृत विवरण मेरे द्वारा 05/11/2015 को सार्वजानिक किया जा चुका है जो मेरी फेसबुक टाइमलाइन पर उपलब्ध है.
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पिछली बार की तरह इसबार भी आम सहमती से सीनियर अधिवक्ता श्री विकास सिंह जी 7 व् 8 दिसम्बर की सुनवाई हेतु कोर्ट में उपस्थित रहेंगे, बताने की आवश्यकता नहीं है कि विकास सर हमारे लिए अति उपयोगी साबित हुए हैं हमें याद है कि 17/12/2014 की सुनवाई के दौरान मा० कोर्ट द्वारा अरक्षित वर्ग व् सामान्य वर्ग के लिए क्रमशः 70% और 75% टेट मार्क पाए अभ्यर्थियों की नियुक्ति का आदेश अपने नोटपैड पर नोट कर लिया था किन्तु विकास सर की जोरदार दलीलों से प्रभावित होकर मा० दीपक मिश्र जी ने उक्त आदेश को 65% और 70% कर दिया था जिससे सैकड़ो अभ्यर्थियों को लाभ मिला था.
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ध्यान देने योग्य बात ये हैं कि सुनवाई पर एक से दो दिन पहले एडवोकेट की फीस का भुगतान करना होता है किन्तु आप सभी साथियों द्वारा आर्थिक सहयोग में देरी की वजह से हम अपनी व्यक्तिगत धनराशि लगाकर एडवोकेट की फीस का भुगतान कर देते थे और सुनवाई के दिन से एक-दो दिन पश्चात् आप सभी के आर्थिक सहयोग से व्यक्तिगत खर्च धनराशि की प्रतिपूर्ति हो जाती थी किन्तु पिछली 02-नवम्बर की सुनवाई में मेरे पास से खर्च धनराशि की प्रतिपूर्ति अभी तक नही हो सकी है जिससे इसबार मैं व्यक्तिगतरूप से धनराशि खर्च करने में अक्षम हूँ अतः आप सभी साथियों से निवेदन है 07 व् 08 दिसम्बर की अतिमहत्वपूर्ण सुनवाई हेतु एडवोकेट्स की फीस का प्रबंध 04-दिसम्बर तक हरहाल में करना होगा जिससे कि फीस का भुगतान सही समय पर किया जा सके. परिस्थितियां विपरीत एवं गंभीर हैं अतः हम सभी को एकजुट होकर सामूहिक प्रयास करना होगा, साथ ही पिछले तीन वर्षों से जुड़े सक्रीय साथियों को इसबार व्यक्तिगतरूप से भी आर्थिक सहयोग के लिए तैयार रहना होगा तभी एडवोकेट्स की फीस की व्यवस्था करना संभव हो सकेगा.
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मेरी सभी 72825 में चयनित सभी महिला-पुरुष शिक्षक साथियों से अपील है कि अपना भविष्य और समय वर्वाद होने से बचाने हेतु अपना आर्थिक सहयोग ब्लाक, जिला प्रतिनिधियों के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से या छोटे-छोटे समूह बनाकर 7 व् 8 दिसम्बर की सुनवाई हेतु, 04-दिसम्बर तक अवश्य करें. जिससे कि 06-दिसम्बर तक एडवोकेट्स की फीस का भुगतान सुनश्चित हो सके. जल्द ही आर्थिक सहयोग हेतु बैंक खाता या अन्य माध्यम के बारे में आप सभी को अवगत करा दिया जायेगा.
शेष अगली पोस्ट में............,

धन्यवाद.
जितेन्द्र सिंह, स०अ०, एटा.
उ०प्र० टेट संघर्ष मोर्चा.

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