मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू हुए 25 दशक बीत चुके हैं लेकिन
देश में केंद्र सरकार की नौकरियों में 12 फीसदी से कम लोग ही ओबीसी कैटेगरी
के हैं. एक आरटीआई के जवाब से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकारी विभागों, मंत्रालयों और स्वायत्त निकायों में 12 फीसदी से कम लोग ओबीसी कैटेगरी के
हैं. यह आरटीआई चेन्नई के वैज्ञानिक ई. मुरलीधरन की ओर से दायर की गई थी.
जनवरी 1, 2015 तक की डेटा के मुताबिक ग्रुप A, B, C और D के कुल 79,483
पदों में से 9,040 कर्मचारी ही ओबीसी कैटेगरी के हैं.
यह
डेटा केंद्र सरकार के 40 मंत्रालयों और सामाजिक न्याय सहित 48 दूसरे
विभागों की है. वहीं इस आरटीआई में यह जानकारी नहीं दी गई है कि किस विभाग और मंत्रालय में ओबीसी कैटेगरी के कितने कर्मचारी हैं.
कर्मचारियों
की नियुक्ति करने वाली केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की स्थिति
सबसे खराब है. यहां 6.67 फीसदी ओबीसी, 12.91 एससी और 4 फीसदी एसटी कैटेगिरी
के लोग हैं. यहां कर्मचारियों की कुल संख्या 6,879 है.
डेटा के मुताबकि राष्ट्रपति सचिवालय में क्लास 'ए' ऑफिसर के पद पर कोई भी कर्मचारी ओबीसी कैटेगरी का नहीं है. यही नहीं, यीपीएससी में सिर्फ 9 फीसदी कर्मचारी ही ओबीसी कैटेगरी के हैं. आपको बता दें कि 25 साल पहले मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के बाद ओबीसी कैटेगरी में आने वाली जातियों को 27 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य है.
डेटा के मुताबकि राष्ट्रपति सचिवालय में क्लास 'ए' ऑफिसर के पद पर कोई भी कर्मचारी ओबीसी कैटेगरी का नहीं है. यही नहीं, यीपीएससी में सिर्फ 9 फीसदी कर्मचारी ही ओबीसी कैटेगरी के हैं. आपको बता दें कि 25 साल पहले मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के बाद ओबीसी कैटेगरी में आने वाली जातियों को 27 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य है.
आरटीआई से सूचना प्राप्त करने वाले मुरलीधरण का कहना है कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि ओबीसी कोटे के लिए आवंटित की गई सीटें खाली रह जाती है.