सरकारी स्कूल में जैसे नजारे होते हैं, यह वैसा ही था। शिक्षक क्लास में
मौजूद नहीं थे और बच्चे खेल रहे थे। कुछ ही पल में अचानक नजारा बदल गया। एक
नए शिक्षक पहुंच गए, हर किसी की नजर उन पर टिक गई। यह शिक्षक और कोई नहीं,
प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे।
उन्होंने आते ही अपना परिचय दिया। बच्चों से पहला सवाल दागा कि राष्ट्रगान कौन-कौन सुना सकता है। बच्चे एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। आखिर में एक बच्चा उठा और जन गण मन.. पूरा सावधान की मुद्रा में सुना दिया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को मैनपुरी से सैफई के लिए रवाना हुए। रास्ते में अचानक उन्हें सुखचैनपुर का स्कूल दिखा, तो ड्राइवर से गाड़ी रुकवाई। फिर अंदर पहुंच गए, अचानक गाड़ियों का काफिला रुकने के बाद अखिलेश यादव को देख बच्चे आश्चर्यचकित रह गए। मुख्यमंत्री ने बच्चों को क्लास के समय में खेलते हुए देखा, तो पूछा कि शिक्षक कहां हैं। इस पर जवाब मिला कि प्रधानाध्यापक बुद्धरतन जनगणना कार्य में व्यस्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री शिक्षक की कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने बच्चों की क्लास लेना शुरू कर दिया। बच्चों से सवाल किया कि राष्ट्रगान किस-किस को आता है। एक बच्चे से मुख्यमंत्री ने यह सुना। इसके बाद हंिदूी की वर्णमाला सुनाने को कहा।
दो बच्चों के सही जवाब मिले। इस पर मुख्यमंत्री ने तीनों बच्चों को पांच-पांच सौ रुपये का नकद पुरस्कार दिया। पाठशाला में अखिलेश यादव ने मिड डे मील की व्यवस्था भी जांची, जो बेहतर मिली।
इस पर उन्होंने रसोइया को भी पांच सौ रुपये का इनाम दिया। मुख्यमंत्री जितनी देर क्लास लेते रहे, वहां अधिकारी खड़े देखते रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाएं। यदि सरकारी काम शिक्षकों को रहता है, तो इस तरह कराएं कि पढ़ाई प्रभावित न हो।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती गन्दे काम -->> Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
उन्होंने आते ही अपना परिचय दिया। बच्चों से पहला सवाल दागा कि राष्ट्रगान कौन-कौन सुना सकता है। बच्चे एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। आखिर में एक बच्चा उठा और जन गण मन.. पूरा सावधान की मुद्रा में सुना दिया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को मैनपुरी से सैफई के लिए रवाना हुए। रास्ते में अचानक उन्हें सुखचैनपुर का स्कूल दिखा, तो ड्राइवर से गाड़ी रुकवाई। फिर अंदर पहुंच गए, अचानक गाड़ियों का काफिला रुकने के बाद अखिलेश यादव को देख बच्चे आश्चर्यचकित रह गए। मुख्यमंत्री ने बच्चों को क्लास के समय में खेलते हुए देखा, तो पूछा कि शिक्षक कहां हैं। इस पर जवाब मिला कि प्रधानाध्यापक बुद्धरतन जनगणना कार्य में व्यस्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री शिक्षक की कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने बच्चों की क्लास लेना शुरू कर दिया। बच्चों से सवाल किया कि राष्ट्रगान किस-किस को आता है। एक बच्चे से मुख्यमंत्री ने यह सुना। इसके बाद हंिदूी की वर्णमाला सुनाने को कहा।
दो बच्चों के सही जवाब मिले। इस पर मुख्यमंत्री ने तीनों बच्चों को पांच-पांच सौ रुपये का नकद पुरस्कार दिया। पाठशाला में अखिलेश यादव ने मिड डे मील की व्यवस्था भी जांची, जो बेहतर मिली।
इस पर उन्होंने रसोइया को भी पांच सौ रुपये का इनाम दिया। मुख्यमंत्री जितनी देर क्लास लेते रहे, वहां अधिकारी खड़े देखते रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाएं। यदि सरकारी काम शिक्षकों को रहता है, तो इस तरह कराएं कि पढ़ाई प्रभावित न हो।
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