यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल करते पकड़े जाने पर विद्यार्थियों को सीधे
जेल भेज दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने नकल विहीन परीक्षाएं कराने के लिए सभी
डीएम और कमिश्नर को सख्त कदम उठाने के लिए कहा है। वहीं परीक्षा कराने वाले
शिक्षकों और केंद्र व्यवस्थापकों की विशेष सुरक्षा के निर्देश भी दिए हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 18 फरवरी से 21 मार्च के बीच होंगी। पिछले बरसों में परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल की शिकायतों को देखते हुए शासन ने इसे रोकने के लिए कड़ी चौकसी बरतने को कहा है। उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 के तहत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग, प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग करने और ड्यूटी करने वाले शिक्षकों पर हमला करने को संज्ञेय अपराध घोषित किया गया है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने डीएम और कमिश्नर को भेजे निर्देशों में कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, प्रधानाचार्यों और केंद्र व्यवस्थापकों की परीक्षाएं शुरू होने से पहले कम से कम दो बार बैठक की जाए। सिटी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को परीक्षा के दौरान लगातार निरीक्षण करते रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। सामूहिक नकल की जानकारी मिलने पर उस पाली की परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश सक्षम अधिकारियों को भेजी जाए। सिटिंग प्लान में गड़बड़ी मिलने पर केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है। केंद्र व्यवस्थापकों की सुरक्षा संबंधी समस्याओं के फौरन निराकरण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में धारा-144 लागू रहेगी। मुख्य सचिव ने परीक्षाओं को अच्छे से संपन्न कराने के लिए हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश भी दिए हैं। इसमें शिक्षा विभाग और पुलिस के अधिकारियों के अलावा समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए भी कहा गया है।
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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 18 फरवरी से 21 मार्च के बीच होंगी। पिछले बरसों में परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल की शिकायतों को देखते हुए शासन ने इसे रोकने के लिए कड़ी चौकसी बरतने को कहा है। उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 के तहत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग, प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग करने और ड्यूटी करने वाले शिक्षकों पर हमला करने को संज्ञेय अपराध घोषित किया गया है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने डीएम और कमिश्नर को भेजे निर्देशों में कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, प्रधानाचार्यों और केंद्र व्यवस्थापकों की परीक्षाएं शुरू होने से पहले कम से कम दो बार बैठक की जाए। सिटी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को परीक्षा के दौरान लगातार निरीक्षण करते रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। सामूहिक नकल की जानकारी मिलने पर उस पाली की परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश सक्षम अधिकारियों को भेजी जाए। सिटिंग प्लान में गड़बड़ी मिलने पर केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है। केंद्र व्यवस्थापकों की सुरक्षा संबंधी समस्याओं के फौरन निराकरण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में धारा-144 लागू रहेगी। मुख्य सचिव ने परीक्षाओं को अच्छे से संपन्न कराने के लिए हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश भी दिए हैं। इसमें शिक्षा विभाग और पुलिस के अधिकारियों के अलावा समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए भी कहा गया है।
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