जागरण संवाददाता, आगरा: केंद्रीय विद्यालय संगठन व जवाहर नवोदय विद्यालय
की तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन बच्चों के साथ पेरेंट्स की
काउंसिलिंग पर जोर दिया गया।
होटल अमर में आयोजित कार्यशाला में आगरा, भोपाल और जबलपुर संभाग के 36 मास्टर्स ट्रेनर्स को किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मंगलवार को प्रोजेक्टर पर विद्यार्थियों के बदलते व्यवहार को लेकर लघु फिल्म दिखाई गईं। इस दौरान गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों के मन के विचार जानने की कोशिश की गई। सहायक आयुक्त आरके वशिष्ठ ने कहा कि बच्चों के व्यवहार में आने वाले परिवर्तन में टेक्नोलॉजी भी प्रमुख भूमिका निभा रही है। बच्चे टेक्नोलॉजी के अभ्यस्त हो गए हैं। उन्हें मन मुताबिक चीज न मिलने पर आत्महत्या की धमकी देने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स रक्षात्मक रवैया अपनाते हैं। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. हितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह स्थिति ट्राइएंगुलर प्रोसेस का हिस्सा है। इसमें शिक्षक, बच्चे तथा अभिभावक तीनों की काउंसिलिंग होनी चाहिए। कार्यशाला में जो मास्टर्स ट्रेनर्स हिस्सा ले रहे हैं उनके माध्यम से अभिभावकों की काउंसिलिंग कराई जाएगी। उन्हें बच्चे के प्रति दोस्ताना रवैया रखने की सलाह दी जाएगी। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटरआशिमा सिंह ने गतिविधियों का संचालन किया। कार्यशाला के अंतिम दिन बुधवार को प्रमाण पत्र वितरण तथा पोस्ट टेस्ट का आयोजन होगा।
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होटल अमर में आयोजित कार्यशाला में आगरा, भोपाल और जबलपुर संभाग के 36 मास्टर्स ट्रेनर्स को किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मंगलवार को प्रोजेक्टर पर विद्यार्थियों के बदलते व्यवहार को लेकर लघु फिल्म दिखाई गईं। इस दौरान गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों के मन के विचार जानने की कोशिश की गई। सहायक आयुक्त आरके वशिष्ठ ने कहा कि बच्चों के व्यवहार में आने वाले परिवर्तन में टेक्नोलॉजी भी प्रमुख भूमिका निभा रही है। बच्चे टेक्नोलॉजी के अभ्यस्त हो गए हैं। उन्हें मन मुताबिक चीज न मिलने पर आत्महत्या की धमकी देने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स रक्षात्मक रवैया अपनाते हैं। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. हितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह स्थिति ट्राइएंगुलर प्रोसेस का हिस्सा है। इसमें शिक्षक, बच्चे तथा अभिभावक तीनों की काउंसिलिंग होनी चाहिए। कार्यशाला में जो मास्टर्स ट्रेनर्स हिस्सा ले रहे हैं उनके माध्यम से अभिभावकों की काउंसिलिंग कराई जाएगी। उन्हें बच्चे के प्रति दोस्ताना रवैया रखने की सलाह दी जाएगी। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटरआशिमा सिंह ने गतिविधियों का संचालन किया। कार्यशाला के अंतिम दिन बुधवार को प्रमाण पत्र वितरण तथा पोस्ट टेस्ट का आयोजन होगा।
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