टीईटी पास प्रशिक्षु शिक्षकों
की भर्ती के लिए दावा करने वाले 1100 अभ्यर्थियों की एडहॉक नियुक्ति के
आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी अभ्यर्थियों को
नियुक्ति के आदेश दिए हैं, जिनके बारे में पूरी अर्हता रखने के ब्योरा पेश
किया गया है।
कोर्ट ने इस मुद्दे पर आगे भी सुनवाई जारी रखने की बात कही है, जिन्होंने ऐसा दावा किया था। इससे हजारों योग्य अभ्यर्थियों की और भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
12000 पर हो रहा विचार
कुल 72 हजार पदों के लिए हुई भर्ती में 58 हजार अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी गई। कई काउंसलिंग के बाद भर्ती यह कहकर रोक दी गई कि अब अर्ह अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ही यह मानक तय किया था कि सामान्य वर्ग में 70 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग में 65 प्रतिशत अंक रखने वालों को ही नियुक्ति दी जाए। भर्ती रुक जाने के बाद कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की कि उनके अंक सुप्रीम कोर्ट के तय मानक से भी ज्यादा हैं। इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए। ऐसी ही अलग-अलग याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। इसमें यूपी सरकार के एडवोकेट गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि हमारे पास ऐसी 70 हजार से ज्यादा शिकायतें आई हैं। जिन्होंने अर्हता रखने का दावा किया है। इसमें से हमने 12 हजार छांट ली हैं, जिनका परीक्षण कर रहे हैं। वहीं अभ्यर्थियों की ओर से अलग-अलग वकीलों ने 1100 अभ्यर्थियों का ब्योरा रखा और बताया कि यह पूरी अर्हता रखते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 1100 को तत्काल एडहॉक पर ही बतौर शिक्षक नियुक्ति की दी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अन्य आवेदनों पर सरकार जांच करें और वास्तविक स्थिति से
कोर्ट ने इस मुद्दे पर आगे भी सुनवाई जारी रखने की बात कही है, जिन्होंने ऐसा दावा किया था। इससे हजारों योग्य अभ्यर्थियों की और भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
12000 पर हो रहा विचार
कुल 72 हजार पदों के लिए हुई भर्ती में 58 हजार अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी गई। कई काउंसलिंग के बाद भर्ती यह कहकर रोक दी गई कि अब अर्ह अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ही यह मानक तय किया था कि सामान्य वर्ग में 70 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग में 65 प्रतिशत अंक रखने वालों को ही नियुक्ति दी जाए। भर्ती रुक जाने के बाद कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की कि उनके अंक सुप्रीम कोर्ट के तय मानक से भी ज्यादा हैं। इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए। ऐसी ही अलग-अलग याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। इसमें यूपी सरकार के एडवोकेट गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि हमारे पास ऐसी 70 हजार से ज्यादा शिकायतें आई हैं। जिन्होंने अर्हता रखने का दावा किया है। इसमें से हमने 12 हजार छांट ली हैं, जिनका परीक्षण कर रहे हैं। वहीं अभ्यर्थियों की ओर से अलग-अलग वकीलों ने 1100 अभ्यर्थियों का ब्योरा रखा और बताया कि यह पूरी अर्हता रखते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 1100 को तत्काल एडहॉक पर ही बतौर शिक्षक नियुक्ति की दी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अन्य आवेदनों पर सरकार जांच करें और वास्तविक स्थिति से
आ सकती है यह मुश्किल
जहां भर्ती हो चुकी है और नियुक्ति पाने वालों की न्यूनतम मेरिट से ज्यादा वाले दावेदार सामने आते हैं तो विषम स्थिति पैदा हो जाएगी। जिन्हें नियुक्ति मिल चुकी है और उन्हें वेतन दिया जा रहा है, उन्हें हटाना मुश्किल होगा। ऐसे में उसे दूसरे जिले में खाली पद पर समायोजित करने का विकल्प या और कोई अन्य रास्ता खोजना पड़ेगा।
12000 की उम्मीद बढ़ी
प्रदेश सरकार ने अर्हता का दावा करने वाले जो 12000 आवेदन छांटे हैं उन्हें भी भविष्य में मौका मिल सकता है। लेकिन उनकी भी जांच की जाएगी। यह जांचा जाएगा कि जिस जिले में अर्हता रखते हैं, उसमें आवेदन किया था कि नहीं। यदि उस जिले में आवेदन किया है और अर्हता भी रखते हैं, तभी उनको नियुक्ति मिलने की उम्मीद है।
अब आगे क्या/
प्रशिक्षु शिक्षकों के 1100 पदों पर सरकार को अब नियुक्ति देनी होगी। यह अलग बात है कि अभी इनके भी रेकॉर्ड्स की जांच कराई जाएगी। यह भी जांच होगी कि किस वजह से ये छूटे। मेरिट जिलेवार बनी थी। ऐसे में यह भी देखा जाएगा कि क्या इन्होंने उस जिले में काउंसलिंग का आवेदन किया था, जहां की अर्हता रखने की बात कर रहे हैं
जहां भर्ती हो चुकी है और नियुक्ति पाने वालों की न्यूनतम मेरिट से ज्यादा वाले दावेदार सामने आते हैं तो विषम स्थिति पैदा हो जाएगी। जिन्हें नियुक्ति मिल चुकी है और उन्हें वेतन दिया जा रहा है, उन्हें हटाना मुश्किल होगा। ऐसे में उसे दूसरे जिले में खाली पद पर समायोजित करने का विकल्प या और कोई अन्य रास्ता खोजना पड़ेगा।
12000 की उम्मीद बढ़ी
प्रदेश सरकार ने अर्हता का दावा करने वाले जो 12000 आवेदन छांटे हैं उन्हें भी भविष्य में मौका मिल सकता है। लेकिन उनकी भी जांच की जाएगी। यह जांचा जाएगा कि जिस जिले में अर्हता रखते हैं, उसमें आवेदन किया था कि नहीं। यदि उस जिले में आवेदन किया है और अर्हता भी रखते हैं, तभी उनको नियुक्ति मिलने की उम्मीद है।
अब आगे क्या/
प्रशिक्षु शिक्षकों के 1100 पदों पर सरकार को अब नियुक्ति देनी होगी। यह अलग बात है कि अभी इनके भी रेकॉर्ड्स की जांच कराई जाएगी। यह भी जांच होगी कि किस वजह से ये छूटे। मेरिट जिलेवार बनी थी। ऐसे में यह भी देखा जाएगा कि क्या इन्होंने उस जिले में काउंसलिंग का आवेदन किया था, जहां की अर्हता रखने की बात कर रहे हैं