जासं, बदायूं : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के जिम्मेदारों के एक अभ्यर्थी का बीटीसी में प्रवेश लेने से इन्कार करने के बाद खूब हंगामा हुआ।अभ्यर्थी की मां ने नियमानुसार बेटी का प्रवेश बीटीसी में न करने पर कोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी दी।
जिसपर इलाहाबाद परीक्षा नियामक से मार्गदर्शन लेने के बाद डायट प्राचार्य ने अभ्यर्थी का प्रवेश ले लिया।1मुहल्ला चाकीर निवासी शाहताज खान ने तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय से चार वर्षीय फिजियोथेरेपी का कोर्स किया था। वर्ष 2015 में बीटीसी में प्रवेश के लिए आवेदन किया तो जिम्मेदारों ने फिजियोथेरेपी के अभ्यर्थियों को अपात्र बता दिया। उच्चाधिकारियों से शिकायत हुई तो उन्होंने जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी निर्देश का पालन नहीं किया गया और धीरे-धीरे पूरा सत्र बीत गया। वर्ष 2016 में भी उसने बीटीसी में प्रवेश के लिए आवेदन किया, काउंसलिंग कराई। शनिवार को जब प्रवेश लेने डायट पहुंची तो उसका प्रवेश लेने से मना कर दिया गया। उसने अपने मां को फोन करके सूचना दी तो मां महजबी डायट पहुंचीं और शिकायत की। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश होने के बाद भी प्रवेश से इन्कार किया जा रहा है। जिसपर कोर्ट में याचिका दायर करेंगी। डायट प्राचार्य से शिकायत की। प्राचार्य ने शासनादेश में फिजियोथेरेपी का जिक्र न होने की बात कही। इस बात पर हंगामा होने लगा। इसके बाद अभ्यर्थी का प्रवेश कराया। प्राचार्य गिरधारी लाल कोली ने बताया कि शासनादेश में इस विषय की जानकारी न होने की वजह से प्रवेश नहीं दिया जा रहा था।
डायट में शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया : बीटीसी में प्रवेश के लिए शनिवार को चयनित अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेज जांचे गए। आवेदन के समय दिया गया उनका डाटा और मूल शैक्षिक प्रमाण पत्रों का मिलान किया गया। अभ्यर्थियों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के अलावा इस्लामनगर व उझानी के बीटीसी के कॉलेजों में प्रवेश दिया जाएगा। संबंधित कार्य देख रहे अर¨वद गुप्ता ने बताया कि जल्द ही कक्षाओं का संचालन होगा।
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जिसपर इलाहाबाद परीक्षा नियामक से मार्गदर्शन लेने के बाद डायट प्राचार्य ने अभ्यर्थी का प्रवेश ले लिया।1मुहल्ला चाकीर निवासी शाहताज खान ने तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय से चार वर्षीय फिजियोथेरेपी का कोर्स किया था। वर्ष 2015 में बीटीसी में प्रवेश के लिए आवेदन किया तो जिम्मेदारों ने फिजियोथेरेपी के अभ्यर्थियों को अपात्र बता दिया। उच्चाधिकारियों से शिकायत हुई तो उन्होंने जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी निर्देश का पालन नहीं किया गया और धीरे-धीरे पूरा सत्र बीत गया। वर्ष 2016 में भी उसने बीटीसी में प्रवेश के लिए आवेदन किया, काउंसलिंग कराई। शनिवार को जब प्रवेश लेने डायट पहुंची तो उसका प्रवेश लेने से मना कर दिया गया। उसने अपने मां को फोन करके सूचना दी तो मां महजबी डायट पहुंचीं और शिकायत की। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश होने के बाद भी प्रवेश से इन्कार किया जा रहा है। जिसपर कोर्ट में याचिका दायर करेंगी। डायट प्राचार्य से शिकायत की। प्राचार्य ने शासनादेश में फिजियोथेरेपी का जिक्र न होने की बात कही। इस बात पर हंगामा होने लगा। इसके बाद अभ्यर्थी का प्रवेश कराया। प्राचार्य गिरधारी लाल कोली ने बताया कि शासनादेश में इस विषय की जानकारी न होने की वजह से प्रवेश नहीं दिया जा रहा था।
डायट में शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया : बीटीसी में प्रवेश के लिए शनिवार को चयनित अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेज जांचे गए। आवेदन के समय दिया गया उनका डाटा और मूल शैक्षिक प्रमाण पत्रों का मिलान किया गया। अभ्यर्थियों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के अलावा इस्लामनगर व उझानी के बीटीसी के कॉलेजों में प्रवेश दिया जाएगा। संबंधित कार्य देख रहे अर¨वद गुप्ता ने बताया कि जल्द ही कक्षाओं का संचालन होगा।
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