इलाहाबाद । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लंबे समय से
शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों के पास नियुक्ति पत्र नहीं होने का मामला एक
बार फिर से चर्चा में है। पत्राचार संस्थान से इविवि में आए शिक्षकों के
पास नियुक्ति पत्र का मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद अब
भूगोल विभाग के दो शिक्षकों के पास नियुक्ति पत्र नहीं होने का मामला गरमा
गया है। विवि में पूर्व में शिक्षण कार्य कर चुके लोगों ने एक बार फिर
सामने आकर कुलपति से भूगोल विभाग के दो शिक्षकों के नियुक्ति पत्र जांचने
की मांग की है।
भूगोल विभाग में तदर्थ प्रवक्ता के रूप में काम
कर चुके डॉ. पंकज मिश्र, डॉ. प्रेम चंद्र मिश्र, डॉ. सतीश सिंह ने कुलपति
से विभाग के दो शिक्षकों प्रो. एआर सिद्दीकी एवं डॉ. अनुपम पांडेय के
नियुक्ति पत्र की जांच करने की मांग की है। आरोप है कि विवि ने
आरटीआई-063/2013-14 में स्वीकार किया है कि उसके पास इन शिक्षकों का
नियुक्ति पत्र उपलब्ध नहीं है। आरोप लगाने वालों का कहना है कि इन शिक्षकों
की नियुक्ति बिना किसी पद के विभाग में कर दी गई।
इन शिक्षकों में एक प्रोफेसर जबकि दूसरे एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत हो चुके हैं। एक शिक्षक तो वर्तमान में कुलपति के कार्यालय में उनके प्रधान निजी सचिव का काम संभाले हैं। आरोप लगाने वालों ने कुलपति से इस मामले में न्याय करने की मांग की है। इस संबंध में ऑटा अध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे का कहना है कि पत्राचार संस्थान से गलत तरीके से समायोजित एवं बिना पद नियुक्ति पाए शिक्षकों के मामले को लेकर कुलपति संजीदा हैं, निश्चय ही न्याय होगा।
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इन शिक्षकों में एक प्रोफेसर जबकि दूसरे एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत हो चुके हैं। एक शिक्षक तो वर्तमान में कुलपति के कार्यालय में उनके प्रधान निजी सचिव का काम संभाले हैं। आरोप लगाने वालों ने कुलपति से इस मामले में न्याय करने की मांग की है। इस संबंध में ऑटा अध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे का कहना है कि पत्राचार संस्थान से गलत तरीके से समायोजित एवं बिना पद नियुक्ति पाए शिक्षकों के मामले को लेकर कुलपति संजीदा हैं, निश्चय ही न्याय होगा।