लखनऊ. यूपी के विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में लखनऊ पहुंचे कम्प्यूटर अनुदेशकों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया। अनुदेशकों ने सड़क जाम कर जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की। जब सड़क पर लंबा जाम लग गया तो पुलिस ने उन्हें खदेड़कर भगाया इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई।
बता दें कि अनुदेशकों की रविवार को सीएम अखिलेश यादव के सलाहकार अलोक रंजन से सकारात्मक वार्ता हुई थी फिर भी अनुदेशकों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र जिला प्रसाशन को सौंपा है।
'माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन' की प्रदेश अध्यक्ष सजदा पंवार ने बताया राजकीय/अशासकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में 4000 कम्प्यूटर शिक्षक पिछले पांच सालों से लगातार सरकार व शिक्षा विभाग की मंशा के अनुरूप काम कर रहे थे। लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण 2500 कम्प्यूटर शिक्षकों की सेवाएं डेढ़ साल पहले निरस्त कर दी गईं। शेष 1500 कम्प्यूटर शिक्षकों की सेवाएं 31 मार्च 2016 समाप्त कर दी जाएंगी। सरकार गलत मंशा के कारण 4 हजार लोगों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। इसीलिए कम्प्यूटर शिक्षकों ने सीएम कार्यालय का घेराव किया।
संगठन के प्रदेश प्रवक्ता पुण्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कम्प्यूटर शिक्षकों को राज्य सरकार निश्चित मानदेय दिए जाने, कम्प्यूटर शिक्षकों के पद श्रजित कर पूर्ण शिक्षक का दर्जा दिए जाने, सेवा से निकाले गए कम्प्यूटर शिक्षकों को बहाल किये जाने की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार प्रदर्शन और धरना दिया गया। लेकिन शासन की तरफ से सिर्फ झूठा आश्वासन दिया गया। उन्होंने कहा अगर मांगे जल्द नहीं मानी गईं तो कम्प्यूटर शिक्षक लगातार आंदोलन करते रहेंगे।।
इससे पहले अनुदेशकों पर हो चुका लाठीचार्ज
बता दें इससे पहले 9 मार्च 2016 को यूपी के विभिन्न जिलों से आये सैकड़ों की संख्या में कम्प्यूटर अनुदेशकों पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ओसीआर बिल्डिंग में लाठीचार्ज कर दिया था वह विधान भवन घेरने जा रहे थे। लाठीचार्ज से वहां भगदड़ मच गई थी और इसमें कई लोग घायल हो गए थे। काफी देर तक चले बवाल के बाद पुलिस ने स्थिति संभाली थी।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बता दें कि अनुदेशकों की रविवार को सीएम अखिलेश यादव के सलाहकार अलोक रंजन से सकारात्मक वार्ता हुई थी फिर भी अनुदेशकों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र जिला प्रसाशन को सौंपा है।
'माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन' की प्रदेश अध्यक्ष सजदा पंवार ने बताया राजकीय/अशासकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में 4000 कम्प्यूटर शिक्षक पिछले पांच सालों से लगातार सरकार व शिक्षा विभाग की मंशा के अनुरूप काम कर रहे थे। लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण 2500 कम्प्यूटर शिक्षकों की सेवाएं डेढ़ साल पहले निरस्त कर दी गईं। शेष 1500 कम्प्यूटर शिक्षकों की सेवाएं 31 मार्च 2016 समाप्त कर दी जाएंगी। सरकार गलत मंशा के कारण 4 हजार लोगों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। इसीलिए कम्प्यूटर शिक्षकों ने सीएम कार्यालय का घेराव किया।
संगठन के प्रदेश प्रवक्ता पुण्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कम्प्यूटर शिक्षकों को राज्य सरकार निश्चित मानदेय दिए जाने, कम्प्यूटर शिक्षकों के पद श्रजित कर पूर्ण शिक्षक का दर्जा दिए जाने, सेवा से निकाले गए कम्प्यूटर शिक्षकों को बहाल किये जाने की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार प्रदर्शन और धरना दिया गया। लेकिन शासन की तरफ से सिर्फ झूठा आश्वासन दिया गया। उन्होंने कहा अगर मांगे जल्द नहीं मानी गईं तो कम्प्यूटर शिक्षक लगातार आंदोलन करते रहेंगे।।
इससे पहले अनुदेशकों पर हो चुका लाठीचार्ज
बता दें इससे पहले 9 मार्च 2016 को यूपी के विभिन्न जिलों से आये सैकड़ों की संख्या में कम्प्यूटर अनुदेशकों पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ओसीआर बिल्डिंग में लाठीचार्ज कर दिया था वह विधान भवन घेरने जा रहे थे। लाठीचार्ज से वहां भगदड़ मच गई थी और इसमें कई लोग घायल हो गए थे। काफी देर तक चले बवाल के बाद पुलिस ने स्थिति संभाली थी।
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