Big Breaking News - UPTET

लोकप्रिय पोस्ट

सरकार को और शिक्षामित्र भर्ती न करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह मानवीय समस्या, यथास्थिति बहाल करे सरकार
1100 और लोगों को चार हफ्ते में एडहॉक रूप से भर्ती करने का आदेश

सुनवाई 24 फरवरी को होगी
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को भारी राहत देते हुए उनकी नियुक्तियों को अवैध ठहराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि सभी 1.72 लाख शिक्षामित्रों को सेवा में रख यथास्थिति बहाल की जाए।
कोर्ट ने कहा कि इस आदेश से शिक्षामित्रों का इन पदों पर कोई अधिकार सृजित नहीं होगा और उनके भाग्य का फैसला अपीलों के अंतिम निपटारे पर निर्भर करेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रदेश में इनके अलावा और शिक्षामित्रों की नियुक्तियां नहीं करेगी।
जस्टिस दीपक मिश्रा और यूयू ललित की विशेष पीठ ने यह आदेश देने से पहले कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों का सेवा से हटाना मानवीय समस्या है और इसके परिणाम बहुत ही गंभीर हो सकते हैं। कोर्ट ने यह आदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर उत्तर प्रदेश सरकार, शिक्षामित्रों तथा बेसिक शिक्षा बोर्ड की अपीलों पर सोमवार को दिया।
सरकार की ओर से कोर्ट में मौजूद एडवोकेट जनरल विजय बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार यह काम एक हफ्ते में कर देगी। उन्होंने कहा कि वह शिक्षामित्रों को रखने को तत्पर है क्योंकि सभी प्रशिक्षित हैं और 10 से लेकर 15 वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इनमें से एक लाख लोगा स्नातक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने से प्रदेश में बेसिक स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप होने का खतरा है।
प्रदेश सरकार और शिक्षामित्रों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल, पी चिदंबरम और दुष्यंत दवे ने बहस की। उन्होंने कहा कि बेहतर तरीका यही है कि हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाकर यथास्थिति बनाई जाए और मामले पर अंतिम सुनवाई शुरू की जाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट खचाखच भरा हुआ था।
टीईटी मुद्दा
पीठ ने इसके साथ ही यूपी सरकार को आदेश दिया वह कोर्ट में आए टीईटी पास 1100 याचिकाकर्ताओं को भी एडहाक रूप से शिक्षण कार्य में रखे। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी।
सरकार को कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि वह टीईटी कोटे से हो रही भर्तियों का पूरा ब्योरा एक हफ्ते में वेबसाइट पर डाले। सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि कुल 72, 825 रिक्तियों में से अब तक 58,135 टीईटी पास को सहायक शिक्षकों के रूप में रखा जा चुका है। सरकार के पास 1200 आवेदन और हैं जिन्हें देने वालों को योग्य पाया गया है, उन्हें जल्द ही भर्ती कर लिया जाएगा।
मामला
शिक्षामित्रों का मामला कोर्ट में उस वक्त उठा था जब टीईटी पास को ही शिक्षक के लिए योग्यता मानने से इनकार करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। राज्य सरकार ने 72,825 नियुक्तियों के लिए निकाले विज्ञापन में कहा था कि  टीईटी के साथ उम्मीदवारों का शैक्षणिक रिकार्ड भी देखा जाएगा। इस फैसले को टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस दौरान यह मामला उठा कि सरकार ने बिना टीईटी पास लोगों को शिक्षामित्रों के रूप में शिक्षण कार्य के लिए रखा हुआ है जो कि अवैध है। इनकी संख्या 1.72 लाख है। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा। उच्च अदालत ने नियमों को देखकर उन्हें अयोग्य पाया और उनकी नियुक्तियां12 सितंबर को रद्द कर दीं। इस फैसले के बाद राज्य सरकार और शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में यचिकाएं दायर कीं।

ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Big Breaking

Breaking News This week