गोरखपुर : जिले के 377 शिक्षकों के पदावनति को लेकर एससी-एसटी संवर्ग के
प्राथमिक शिक्षक फिर से विरोध में उतर आए हैं। शुक्रवार को दोपहर बाद जिला
बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर क्रमिक धरना शुरू कर दिया। इस दौरान
उन्होंने पदावनति की जारी सूची निरस्त करने और वार्षिक वेतन वृद्धि बहाल
करने की मांग
की। साथ ही चेतावनी दिया कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे आरपार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे।
अपने उद्बोधन में उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति-जन जाति बेसिक शिक्षक महासंघ के महामंत्री दिनेश कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग पर शिक्षकों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बीएसए के आश्वासन के बाद भी हमारी मागों को अब तक पूरा नहीं किया गया। पदावनति की सूची फिर से जारी करने के लिए बेसिक शिक्षाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया गया था। लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की और न ही शिक्षकों को वेतन ही दिया गया। प्रदेश संयोजक संजय कुमार ने कहा कि बीएसए पदावनति सूची को तत्काल निरस्त करे, वार्षिक वृद्धि के साथ शीघ्र वेतन जारी किया करें। प्रत्यावेदनों के निस्तारण की जानकारी शिक्षकों को बताएं। अगर शिक्षकों के साथ न्याय नहीं हुआ तो वे सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही कहा कि इस बार जब तक हमारी मागे पूरी नहीं की जाएंगी, तब तक धरना चलता रहेगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
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की। साथ ही चेतावनी दिया कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे आरपार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे।
अपने उद्बोधन में उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति-जन जाति बेसिक शिक्षक महासंघ के महामंत्री दिनेश कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग पर शिक्षकों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बीएसए के आश्वासन के बाद भी हमारी मागों को अब तक पूरा नहीं किया गया। पदावनति की सूची फिर से जारी करने के लिए बेसिक शिक्षाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया गया था। लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की और न ही शिक्षकों को वेतन ही दिया गया। प्रदेश संयोजक संजय कुमार ने कहा कि बीएसए पदावनति सूची को तत्काल निरस्त करे, वार्षिक वृद्धि के साथ शीघ्र वेतन जारी किया करें। प्रत्यावेदनों के निस्तारण की जानकारी शिक्षकों को बताएं। अगर शिक्षकों के साथ न्याय नहीं हुआ तो वे सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही कहा कि इस बार जब तक हमारी मागे पूरी नहीं की जाएंगी, तब तक धरना चलता रहेगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
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