गोंडा. जिले का दुर्भाग्य कहे या सौभाग्य पहले नौकरी के लिए परेशान और फिर नौकरी मिल जाने पर हराम खोरी के लिए परेशान। सैकड़ों किमी दूर रहकर भी संस्थान में हाजिरी एक साथ महीने भर का हस्ताक्षर एक साथ बनाकर हजारों रुपये पगार लेकर अधिकारियों के संरक्षण में बच्चों की जिंदगी बर्बाद किया जा रहा है।
यह कारनामा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में धड़ल्ले से जारी है। 20 से 25 हजार रुपये वेतन पाने वाले शिक्षक शिक्षकाएं अपने खंड शिक्षाधिकारी को मात्र 5 हजार रुपये महीना देकर पुरे महीने गायब रहते है।और एक दिन आकर पूरे महीने का हस्ताक्षर बना कर ड्यूटी पूरी कर ली जाती है।
गोंडा मुख्यालय के विकास खंड पडरी कृपाल के सामने शहर से सटा हुआ प्राथमिक विद्यालय खैरा कुंभनगर है से इसका उदाहरण लिया जा सकता है जहाँ बच्चों की संख्या ठीक ठाक है यहाँ दो शिक्षामित्र सहित 5 अध्यापको नियुक्त है लेकिन विद्यालय में नियुक्त सारिका और भारती गुप्ता नियुक्ति के बाद हर माह एक दिन आकर पुरे माह की हाजिरी लगा कर चली जाती है।
इन अध्यापिकाओं द्वारा छुट्टी का एक प्रार्थना पत्र अवश्य रखा गया है। जिसमें छुट्टी कब से कब तक चाहिए तिथि नहीं है। उपस्थित रजिस्टर भी खाली है। महीने के अन्त में सभी पर हस्ताक्षर कर दिया गया। इस सम्बन्ध में विद्यालय में उपस्थित रहने वाली अध्यापिका भी दोनों के अनुअपस्थित रहने की बात को स्वीकार करती है।
जब इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह से बात की गयी तोकार्रवाईकी बात कहते है। हालांकि ये एक विद्यालय व एक विकास खंड का नहीं है। सभी विकास खंडों में सैकड़ों की संख्या में ऐसे अध्यापक है जो गैर जनपद के है और वो अपने जनपद में रहकर बिना पढ़ाये खंड शिक्षा अधिकारी को पांच हजार रुपये माह देकर माह में एक दिन आकर पूरे माह का हस्ताक्षर कर वेतन प्राप्त कर रहे है।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यह कारनामा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में धड़ल्ले से जारी है। 20 से 25 हजार रुपये वेतन पाने वाले शिक्षक शिक्षकाएं अपने खंड शिक्षाधिकारी को मात्र 5 हजार रुपये महीना देकर पुरे महीने गायब रहते है।और एक दिन आकर पूरे महीने का हस्ताक्षर बना कर ड्यूटी पूरी कर ली जाती है।
गोंडा मुख्यालय के विकास खंड पडरी कृपाल के सामने शहर से सटा हुआ प्राथमिक विद्यालय खैरा कुंभनगर है से इसका उदाहरण लिया जा सकता है जहाँ बच्चों की संख्या ठीक ठाक है यहाँ दो शिक्षामित्र सहित 5 अध्यापको नियुक्त है लेकिन विद्यालय में नियुक्त सारिका और भारती गुप्ता नियुक्ति के बाद हर माह एक दिन आकर पुरे माह की हाजिरी लगा कर चली जाती है।
इन अध्यापिकाओं द्वारा छुट्टी का एक प्रार्थना पत्र अवश्य रखा गया है। जिसमें छुट्टी कब से कब तक चाहिए तिथि नहीं है। उपस्थित रजिस्टर भी खाली है। महीने के अन्त में सभी पर हस्ताक्षर कर दिया गया। इस सम्बन्ध में विद्यालय में उपस्थित रहने वाली अध्यापिका भी दोनों के अनुअपस्थित रहने की बात को स्वीकार करती है।
जब इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह से बात की गयी तोकार्रवाईकी बात कहते है। हालांकि ये एक विद्यालय व एक विकास खंड का नहीं है। सभी विकास खंडों में सैकड़ों की संख्या में ऐसे अध्यापक है जो गैर जनपद के है और वो अपने जनपद में रहकर बिना पढ़ाये खंड शिक्षा अधिकारी को पांच हजार रुपये माह देकर माह में एक दिन आकर पूरे माह का हस्ताक्षर कर वेतन प्राप्त कर रहे है।
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