शिक्षक दिवस व सशस्त्र सेना झंडा दिवस
बेल्हा में बेसिक विभाग के अफसरों के लिए जेब भरने का जरिया बन गया है।
अधिकारी छह रुपए कीमतवाला टिकट हेडमास्टर को देकर 63 से 84 रुपए तक वसूल
रहे हैं। ऐसा वह बेसिक शिक्षाधिकारी के फरमान पर किए जाने की पुष्टि भी कर
रहे हैं।
इस गोरखधंधे से परेशान शिक्षक चाहकर भी विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
प्रत्येक वर्ष पांच सितम्बर को मनाए
जानेवाले शिक्षक दिवस से पूर्व परिषदीय स्कूलों में बेसिक शिक्षा विभाग की
ओर से टिकट बांटा जाता है, जिसकी कीमत दो रुपए होती है। इस वर्ष करीब
पखवाड़ाभर पहले से ही विभाग की ओर से परिषदीय स्कूलों में शिक्षक दिवस के
दो टिकट व सशस्त्र सेना झंडा दिवस का एक टिकट भेज दिया गया। इसके बदले में
प्रत्येक स्कूल से 63 से 84 रुपए तक जमा कराए जा रहे हैं। तीनों टिकट की
वास्तविक कीमत महज छह रुपए है। जब शिक्षकों ने पूछा तो बताया गया कि यह
फरमान बीएसए की ओर से जारी किया गया है।
कहा गया है कि प्रत्येक न्याय पंचायत से
11 हजार रुपए की वसूली की जानी है। ऐसे में न्याय पंचायत के प्रत्येक
विद्यालय से कितनी धनराशि वसूल की जानी है, यह न्याय पंचायत प्रभारी
निर्धारित करेंगे और प्रत्येक विद्यालय से वसूली कर ब्लॉक संसाधन केन्द्र
पर जमा कराएंगे। बीएसए के उक्त फरमान का विरोध करने की हिम्मत तो किसी
हेडमास्टर ने नहीं की, लेकिन दबी जुबान से यह चर्चा जरूर कर रहे हैं कि यह
वसूली अवैध है, जिसके खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
उधर बीएसए अजय कुमार सिंह का कहना है कि
शिक्षक दिवस व सशस्त्र सेना झंडा दिवस के टिकट के नाम पर वसूली की जानकारी
उनके संज्ञान में नहीं है और न ही उन्होंने ऐसा कोई निर्देश दिया है। वसूली
करने वालों की जांच कराई जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
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